प्रतीकात्मक तस्वीर
वॉलमार्ट समर्थित ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट ने 60 अरब डॉलर से 70 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ अगले साल भारत में सूचीबद्ध होने की योजना बनाई है। घटनाक्रम से अवगत लोगों का कहना है कि अगर कंपनी इसमें सफल रहती है तो यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ा कंज्यूमर टेक आईपीओ माना जाएगा। भारत में परिचालन करने वाली इस कंपनी ने अपनी होल्डिंग कंपनी को सिंगापुर से भारत स्थानांतरित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं जिससे कि घरेलू सूचीबद्धता की प्रक्रिया आसान बनाई जा सके।
सूत्रों के अनुसार फ्लिपकार्ट के बोर्ड ने रीडोमिसाइलिंग यानी स्थापना के स्थान को बदलने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। इसके अगले 12 से 15 महीनों के अंदर आईपीओ आने से पहले ही पूरा हो जाने की उम्मीद है। बेंगलूरु की कंपनी का मूल्यांकन करीब 36 अरब डॉलर है। उसने हाल के महीनों में सूचीबद्धता की तैयारी के लिए अपने बोर्ड और परिचालन को मजबूत बनाया है।
फ्लिपकार्ट की आईपीओ रणनीति से वाकिफ एक अधिकारी ने कहा, ‘होल्डिंग कंपनी को भारत में स्थानांतरित करना अगले साल फ्लिपकार्ट की आईपीओ योजना का हिस्सा है। कंपनी की अधिकांश परिसंपत्तियां और परिचालन पहले से ही भारत में हैं। इस बदलाव के हिस्से के रूप में सभी निवेशकों (जिसमें बहुसंख्यक शेयरधारक वॉलमार्ट भी शामिल है) के भारतीय इकाई में स्थानांतरित होने की उम्मीद है।’
फ्लिपकार्ट के एक अधिकारी ने इस घटनाक्रम के बारे में सोमवार की रात बताया कि यह महत्त्वपूर्ण निर्णय भारत के प्रति कंपनी की गहरी और अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि उन्होंने कंपनी की आईपीओ योजनाओं से संबंधित सवालों का जवाब नहीं दिया।
फ्लिपकार्ट ने हाल में अपनी वर्क-फ्रॉम-होम नीति नीति को खत्म कर दिया है और सभी कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन कार्यालय आकर काम करने को कहा है। कंपनी के करीब 22,000 कर्मचारी हैं। कंपनी ने उन्हें कार्यालय में फुल-टाइम उपस्थिति फिर से शुरू करने को कहा है।