शेयर बाजार में हाल के समय में अच्छी तेजी के बावजूद मार्च करीब दो साल में पहला ऐसा महीना रहा जब बाजार में एक भी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) नहीं आया। पिछली बार मई 2023 में ऐसा देखा गया था। उद्योग के भागीदारों ने कहा कि फरवरी में भारी बिकवाली को देखते हुए कई कंपनियों को अपनी सूचीबद्धता योजना रोकने के लिए मजबूत होना पड़ा। अगर बाजार में सुधार बनी रही तो अप्रैल में फिर से आईपीओ बाजार गुलजार हो सकता है।
दिसंबर तिमाही में इक्विटी पूंजी बाजार में खूब गतिविधियां हुई थीं मगर इस तिमाही में बाजार सुस्त पड़ गया। 2025 के पहले दो महीने में केवल 9 आईपीओ आए जबकि पिछले साल की समान अवधि में 22 कंपनियों के आईपीओ आए थे। इसी तरह पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये भी 7 कंपनियों ने ही पूंजी जुटाई जबकि पिछले साल इस दौरान 21 क्यूआईपी आए थे।
सितंबर 2024 में सेंसेक्स और निफ्टी के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद से शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है, जिससे कंपनियां निर्गम लाने से परहेज कर रही हैं। जुलाई सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनियों की नरम आय और वैश्विक चुनौतियों से निवेशकों का हौसला कमजोर पड़ा है। इसका असर सेकंडरी और प्राइमरी मार्केट (आईपीओ) दोनों पर पड़ा है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली ने बाजार में गिरावट को और बढ़ा दिया। बीते 6 महीनों में से 5 महीने वे शुद्ध बिकवाल बने रहे। नवंबर 2024 में अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद वहां की नीतियों में बदलाव की चिंता तथा डॉलर के मजबूत होने से विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना निवेशक निकालने लगे थे।
हालांकि बाजार में उठापटक के बावजूद अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 29 आईपीओ और 28 क्यूआईपी आए थे। इक्विरस में प्रबंध निदेशक (निवेश बैंकिंग) वेंकटराघवन एस ने कहा, ‘अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान स्मॉल और मिडकैप शेयरों में गिरावट थोड़ी कम रही थी जिसके कारण आईपीओ/क्यूआईपी सौदे पूरे करने में परेशानी नहीं आई। दिसंबर के बाद गिरावट में तेजी आई। जब सेकंडरी बाजार ठंडा पड़ता है तो फंड मैनेजर नए अवसर के बजाय पोर्टफोलियो प्रबंधन पर ध्यान देते हैं। इसी वजह से दिसंबर-मार्च तिमाही में आईपीओ बाजार में सुस्ती रही।’
अक्टूबर-दिसंबर में निफ्टी 8.4 फीसदी, निफ्टी मिडकैप 4.9 फीसदी और स्मॉलकैप 2.2 फीसदी टूटा था। हालांकि जनवरी-मार्च 2025 के दौरान निफ्टी मिडकैप में 9 फीसदी और स्मॉलकैप में 15 फीसदी की गिरावट आई। आईपीओ लाने वाली ज्यादातर कंपनियां मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट के अंतर्गत आती हैं। पिछले हफ्ते बाजार में सुधार के बीच निफ्टी 4.2 फीसदी, निफ्टी मिडकैप 7.7 फीसदी और समॉलकैप 8.6 फीसदी चढ़ा था। बैंकरों का रुख अभी भी सतर्क बना हुआ है।
वेंकटराघवन ने कहा, ‘हम इस हफ्ते एक क्यूआईपी लाए हैं और आईपीओ के लिए रोडशो शुरू करने की योजना है।’ सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर (निवेश बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनियां अभी हालात पर नजर रख रही हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए कीमत कम करती हैं तो सौदे आगे बढ़ सकते हैं। पिछले वर्ष के मूल्यांकन पर टिके रहने से सौदा कठिन हो जाएगा। बैंकरों और कंपनियों के बीच चर्चा जारी है। हम मार्च के बाद गतिविधि देख सकते हैं लेकिन यह धीरे-धीरे होगी क्योंकि मार्च के परिणामों को भी देखना होगा।’