IndusInd Bank stock price: वित्त वर्ष 2025 की सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों से शुक्रवार को इंडसइंड बैंक का शेयर 19 प्रतिशत गिर गया। चार वर्षों में इस शेयर में यह सबसे बड़ी गिरावट थी।
बता दें कि शेयर 1,042 रुपये पर बंद हुआ जो 19 महीने का निचला स्तर है। ऊंचे प्रावधान से जुड़े खर्च के कारण बैंक का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 40 प्रतिशत घट गया। निजी क्षेत्र के इस ऋणदाता का बाजार पूंजीकरण 18,500 करोड़ रुपये घटकर 81,136 करोड़ रुपये रह गया।
गुरुवार को बैंक ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा की थी। माइक्रोफाइनैंस ऋण बुक और कम शुल्क आय की वजह से बैंक के मार्जिन पर दबाव पड़ा है।
इस माह अब तक 28% गिर चुका है शेयर
इस महीने इंडसइंड बैंक का शेयर अब तक 28 प्रतिशत गिर चुका है। इस गिरावट के बाद बैंक की रैंकिंग देश में सबसे मूल्यवान बैंकों में घटकर 12 रह गई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार इस शेयर के लिए 12 महीने का कीमत लक्ष्य 11 प्रतिशत घटकर 1749 रुपये से 1,549 रुपये रह गया है।
मैक्वेरी कैपिटल में फाइनैंशियल सर्विसेज रिसर्च के प्रमुख सुरेश गणपति ने कहा, ‘मुझे सबसे बड़ी समस्या माइक्रोफाइनैंस में दिख रही है। इस तिमाही में 2 प्रतिशत की कुल चूक बहुत ज्यादा खराब नहीं है। यहां तक कि कोटक महिंद्रा बैंक, ऐक्सिस बैंक व आईसीआईसीआई (पिछली तिमाही) ने भी इसी तरह की सकल चूक दर्ज की थी। समस्या यह है कि जब माइक्रोफाइनैंस फिसलता है तो आप ज्यादा कुछ वसूल नहीं कर पाते और इसलिए घाटा बढ़ जाता है। अन्य जहां 50-60 बीपीएस की समग्र क्रेडिट लागत के साथ बच जाते हैं लेकिन इंडसइंड बैंक 140 बीपीएस पर फंस गया है।’
गणपति ने कहा, ‘एमएफआई अब दबाव में दिख रहा है।’ उन्होंने कहा कि इंडसइंड बैंक को यदि टिकाऊ रेटिंग में सुधार देखना है तो उसे लांग टर्म वाला एमएफआई का जोखिम घटाना होगा।
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में बैंक की ऋण लागत बढ़कर 2.1 प्रतिशत हो गई जो पहली तिमाही में 1.2 प्रतिशत थी। बैंक के ऋणों में चूक में इजाफा मुख्य रूप से माइक्रोफाइनैंस पोर्टफोलियो में ज्यादा चूक के कारण हुआ।
गुरुवार को बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 39.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,325.45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।