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Indusind Bank के शेयरों में 28% की भारी गिरावट, डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी से संकट

विश्लेषकों की डाउनग्रेडिंग और बाहरी ऑडिट की जरूरत से बैंक की साख को झटका, मार्केट कैप येस बैंक से भी नीचे गिरा।

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- March 11, 2025 | 10:56 PM IST

निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में भारी गड़बड़ मिलने के बाद विश्लेषकों की लगातार डाउनग्रेडिंग से बैंक का शेयर मंगलवार को भारी बिकवाली के दबाव में आ गया। इंट्राडे में यह शेयर 27.9 फीसदी गिरकर 649 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया जो नवंबर 2020 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। 24 मार्च 2020 के बाद से यह सबसे तेज इंट्राडे गिरावट थी। उस दिन यह 30 फीसदी लुढ़क गया था।

एनएसई और बीएसई पर कुल मिलाकर करीब 10.52 करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ। अंत में यह शेयर 27.17 फीसदी गिरकर 655.95 रुपये रह गया जो लिस्टिंग के बाद इसकी सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट थी। इसके साथ ही इंडसइंड बैंक का बाजार पूंजीकरण 51,102 करोड़ रुपये पर आ गया जो येस बैंक के 51,357.42 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण से कम है। इसकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 13 अंक यानी 0.02 फीसदी गिरकर बंद हुआ।

नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने बैंक की रेटिंग को ‘होल्ड’ से घटाकर ‘घटाएं’ कर दिया है क्योंकि वे बैंक में एक के बाद एक नकारात्मक घटनाएं देख रहे हैं। उन्हें डर है कि इससे ऋणदाता की विश्वसनीयता यानी साख को नुकसान पहुंचेगा।

ब्रोकरेज के विश्लेषकों ने कहा, इंडसइंड बैंक ने चालू वित्त वर्ष में कई नकारात्मक घटनाओं का सामना किया है, जिनमें माइक्रोफाइनैंस का दबाव, दिसंबर तिमाही के नतीजों से पहले मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) का इस्तीफा, मौजूदा मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) को तीन साल के बजाय केवल एक साल का सेवा विस्तार और अब पोर्टफोलियो में विसंगति के कारण नेटवर्थ पर संभावित असर शामिल है। निवेशकों को पिछली तारीख के फंसे ऋण के खुलासे से ज्यादा परेशानी डेरिवेटिव के नकारात्मक खुलासे से हो सकती है। उन्होंने इंडसइंड बैंक के शेयर के लिए लक्षित कीमत 1,115 रुपये से घटाकर 750 रुपये कर दी है।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने इस पर सहमति जताई कि इस मसले ने बैंक की विश्वसनीयता को लेकर चिंता पैदा की है। उन्होंने कहा, किसी भी निवेश सिद्धांत में विश्वास एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस विश्वास को फिर से बहाल करने और स्टॉक को फिर से निवेश योग्य बनाने में कुछ समय लग सकता है। हमने स्टॉक को ‘खरीदें’ से ‘घटाएं’ कर डाउनग्रेड किया है और लक्षित कीमत को घटाकर 850 रुपये (1,400 रुपये से) कर दिया है। हमने हालिया घटनाक्रम को देखते हुए वित्त वर्ष 25 ई के आय अनुमान में 25 फीसदी की कटौती की है।

सोमवार को देश के पांचवें सबसे बड़े निजी बैंक ने कहा था कि आंतरिक समीक्षा के दौरान बैंक ने कुछ विसंगतियों की पहचान की है। बैंक ने हालांकि लाभ-हानि खाते में संभावित ट्रेजरी लाभ की पहचान की है। बैंक की आंतरिक कमेटी ने अब कर पूर्व 2,100 करोड़ रुपये और कर पश्चात करीब 1,580 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जताई है जो नेटवर्थ पर 2.35 फीसदी की चोट पहुंचा सकता है। बैंक ने कहा है कि वह इस झटके को लाभ-हानि खाते के जरिये समाहित करेगा। इससे और एमएफआई पोर्टफोलियो में बढ़े प्रावधान के कारण मार्च तिमाही में बैंक नुकसान में जा सकता है।

बैंक ने वास्तविक असर की पुष्टि के लिए बाहरी अंकेक्षक की नियुक्ति की है। उसने कहा है कि आरबीआई के पास इस मसले की जानकारी है। हालांकि बैंक ने कहा कि वह बाहर से ऑडिट पूरी होने के बाद इन कारोबारों से संबंधित सभी सूचनाएं पारदर्शी तरीके से सामने रखेगा। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि बार-बार बाहरी ऑडिट की आवश्यकता से विश्वसनीयता और मूल्यांकन पर असर पड़ सकता है।

एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने कहा, एमडी सुमंत कठपालिया को कम सेवा विस्तार सहित लगातार प्रतिकूल घटनाओं और पिछले लेखा विसंगतियों के उजागर होने के कारण हमने इंडसइंड बैंक के लिए लक्षित कीमत 1,125 रुपये से घटाकर 875 रुपये कर दी है। हमारा मानना है कि हालिया घटनाओं के साथ-साथ एमएफआई में बढ़े दबाव के कारण निकट भविष्य में शेयर दबाव में रहेगा।

First Published : March 11, 2025 | 10:56 PM IST