उभरते बाजार के शेयरों पर नजर रखने वाले एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स (MSCI Global Standard Index) में भारत का भार नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इससे इक्विटी बाजारों में ज्यादा निवेश की संभावना मजबूत हो गई है।
इसके साथ ही इस इंडेक्स में चीन के साथ भारत का अंतर काफी कम हो गया है। जहां इंडेक्स में चीन का भार 25.4 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ गया है, वहीं भारत के लिए यह आंकड़ा 18.2 प्रतिशत से बढ़कर 19 प्रतिशत हो गया है। बुधवार घोषित ये बदलाव 31 मई से प्रभावी होंगे।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया का कहना है कि मई की समीक्षा से भारत में करीब 2-2.5 अरब डॉलर निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
पगारिया का कहना है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों से लगातार निवेश और विदेशी निवेशकों की मजबूत भागीदारी का मतलब है कि भारत के लिए 2024 की दूसरी छमाही तक एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में 20 प्रतिशत से ज्यादा भार की संभावना है।
मई के बदलाव से, एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में भारत के शेयरों की संख्या 149 पर पहुंच गई है, जो इस देश के लिए सर्वाधिक है।
विश्लेषकों का कहना है कि खासकर चीन के बाजार में कमजोरी के बीच उभरते बाजारों में भारत का बढ़ता दबदबा उसके इक्विटी, खासकर मिडकैप सेगमेंट के दमदार प्रदर्शन की वजह से है। एमएससीआई में मई के अंत तक ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स से 13 भारतीय कंपनियां जुड़ जाएंगी।