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शुल्कों से भारत को कुछ क्षेत्रों में फायदा!

मसलन आय में वृद्धि की अनुमानित दर 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- April 03, 2025 | 11:30 PM IST

अमेरिका में चुनाव के समय से ही शेयर बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई थी मगर ट्रंप के एक के बाद एक फैसलों से उथल-पुथल कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। इन्वेस्को म्युचुअल फंड के मुख्य कार्याधिकारी ताहिर बादशाह का कहना है कि म्युचुअल फंड कंपनियों ने निकट अवधि के लिए आय वृद्धि एवं प्रतिफल के अनुमान कम कर दिए हैं। अभिषेक कुमार ने बादशाह से टेलिफोन पर इन मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंशः

भारतीय और वैश्विक बाजारों पर ट्रंप के शुल्कों के क्या प्रभाव पड़ेंगे?
भारत पर 26 प्रतिशत शुल्क की उम्मीद तो नहीं थी मगर एशिया के कई दूसरे देशों जैसे चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश पर तो इससे भी अधिक शुल्क लगाए गए हैं। इससे भारत को कुछ खास उत्पाद श्रेणियों जैसे परिधान, रसायन और फुटवेयर आदि में मध्यम अवधि में लाभ मिल सकते हैं। दवा सहित कुछ दूसरे क्षेत्र फिलहाल शुल्कों के दायरे से बाहर रखे गए हैं जिससे भारत पर सीधा असर तो अधिक नहीं दिखेगा मगर परोक्ष असर ज्यादा दिख सकते हैं। इन शुल्कों से वाहन, तकनीक (अप्रत्यक्ष), रसायन आदि पर सबसे अधिक असर दिख सकते हैं। असर तो सीमित ही रहेंगे मगर ट्रंप के फैसले से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर होगा जिससे पूरी आपूर्ति व्यवस्था तहस-नहस हो जाएगी। भारत भी इससे निश्चित तौर पर प्रभावित होगा।

बाजार की वर्तमान स्थिति का आकलन आप किस तरह करते हैं? बदलाव आने की उम्मीद कब दिख रही है?
इस साल की शुरुआत में हमें बाजार में गिरावट पहली छमाही तक जारी रहने की आशंका और फिर शेष बची अवधि में सुधार की उम्मीद दिखाई दे रही थी। मगर बाजार में गिरावट अनुमान से अधिक रही है, खासकर वृहद बाजारों में तो हालात कुछ अधिक ही खराब हो गए हैं। घरेलू मोर्चे की बात करें तो सुधार के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। नकदी बढ़ाने के उपायों, ब्याज दरों में कमी और व्यय में बढ़ोतरी से मदद जरूर मिलेगी लेकिन इसमें कुछ तिमाही लग जाएंगे। 2025 की दूसरी छमाही से आर्थिक हालात से जुड़ी दिक्कतें दूर होनी शुरू हो जाएंगी। आधार कम रहने से भविष्य में आय में बढ़ोतरी मजबूत प्रतीत होगी और हमें आय में सुधारों का दौर दिखना शुरू हो सकता है। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल था। अब हालात और कठिन होते जा रहे हैं। व्यापार पर बातचीत से अमेरिका की आर्थिक वृद्धि कमजोर पड़ सकती है जबकि भारत की स्थिति में गिरावट के बाद सुधार की शुरुआत हो जाएगी। चीन तेजी से उभरते बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्द्धा तेज कर सकता है यानी भारत के लिए फायदा सीमित रह सकता है।

क्या बाजार में हालात बदलने से फंड पोर्टफोलियो में कोई बड़े बदलाव हुए हैं?

हमारे पोर्टफोलियो में बदलाव निकट अवधि में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होते हैं। बड़े एवं ठोस कारणों से ही पोर्टफोलियो में बदलाव किए जाते हैं। बाजार में जिस तेजी से गिरावट आई हैं उसमें तत्काल पोर्टफोलियो में बदलाव करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। फिलहाल हम अपने पोर्टफोलियो के कुछ हिस्सों की समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि कुछ क्षेत्रों एवं शेयरों ने उम्मीद से कम प्रतिफल दिए हैं। वृहद स्तर पर हम आय को लेकर नपा-तुला अनुमान ही दे रहे हैं और रिटर्न की उम्मीद को भी उसी अनुरूप निर्धारित कर रहे हैं। मसलन आय में वृद्धि की अनुमानित दर 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है। आने वाले समय में हमारा नजरिया काफी सधा हुआ है यानी बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद छोड़ दी है व बदलते हालात के बजाय शेयरों की बुनियादी मजबूती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

मूल्यांकन घट कर नकारात्मक तो नहीं हो गया है?
मूल्यांकन वास्तव में सस्ते तो नहीं कहे जा सकते लेकिन बाजार में विभिन्न खंडों में ये पहले से अधिक आकर्षक हो गए हैं। अगले दो वर्षों में 12-13 प्रतिशत चक्रवृद्धि वृद्धि दर का अनुमान लगाया जाए तो 18-18.5 गुना आय के साथ बड़े शेयर कम महंगे दिख रहे हैं। मझोले शेयर 26-27 गुना और छोटे शेयर 22 गुना आय के साथ महंगे दिख रहे हैं मगर उनमें गिरावट भी काफी आई है। तेजी से बढ़ने वाले शेयरों पर तगड़ी चोट पड़ी है वहीं कम वृद्धि की उम्मीद कर रहीं कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। मूल्यांकन को वृद्धि की संभावनाओं के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

क्या निवेशकों को शेयरों में निवेश बढ़ाना चाहिए?
निवेशकों के लिए मौजूदा गिरावट एक अवसर लेकर आया है। जो अभी या अगले कुछ महीनों में निवेश करेंगे उन्हें 2025 के अंत में और उसके बाद बाजार में सुधार के बाद तगड़ा मुनाफा प्राप्त हो सकता है। अक्सर देखा गया है कि बाजार में गिरावट के समय किए हुए निवेश पर मोटा फायदा होता है। निवेशक जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर शेयरों में निवेश को लेकर निर्णय लें।

First Published : April 3, 2025 | 11:17 PM IST