सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आवासीय क्षेत्र को और अधिक सस्ता और सुलभ बनाने के उद्देश्य से किए गए राहत उपायों से इस क्षेत्र को वित्तीय मदद पहुंचाने वाली प्रमुख कंपनी नैशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को केंद्र बिन्दु पर ला दिया है।
सरकार ने एनएचबी के जरिए आवासीय क्षेत्र केलिए 6,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मुहैया कराई है। इसी से जुड़े कुछ मुद्दों सहित कई विषयों पर जो मैथ्यू ने एनएचबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस श्रीधर से बातचीत की। पेश है इस बातचीत के प्रमुख अंश:
हाल में ही हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों (एचएफसी) ने चौथी तिमाही के दौरान 40,000 करोड़ रुपये की पूंजी की आवश्यकता बताई है और इसके आगे भी मदद की मांग की है। एचएफसी की इस मांग को आप कैसे देख रहे हैं?
मुझे नहीं लगता कि एचएफसी को इतने बड़े स्तर पर पूंजी की जरूरत है। कम से कम सूचीबध्द एचएफसी को इतने बड़े रकम की जरूरत है इस बात केसंकेत तो कहीं से नहीं मिल रहे हैं। ये कंपनियां अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, इनका कारोबार बेहतर चल रहा है।
हालांकि यह बात सही है कि वैश्विक वित्तीय संकट से इन कंपनियों पर असर पडा है लेकिन ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जो इस मंदी के प्रभाव में आने से साबूत बचा है।
हम इन कंपनियों को इस जटिल परिस्थितियों से निकालने केलिए सरकार और आरबीआई ने पिछले दो महीनों में कई सकारात्मक कदम उठाएं हैं।
तो आप एचएफसी की बातों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं?
इन कंपनियों ने जिस आधार पर यह मांग रखी है उसका कोई पुख्ता आधार नहीं है क्योंकि एचएफसी का कुल कारोबार 1,20,000 करोड रुपये तक ही सीमित है। सालाना औसतन आवंटन मात्र 35,000 करोड़ रुपये का है।
इन कंपनियों की तीन महीनों में पूंजी की आश्यकता पिछले कई सालों में इकट्ठा किए गए धन का एक तिहाई कैसे हो सकता ह? दूसरी बात यह कि उनको फंड उपलब्ध कराने केलिहाज से एकमात्र एनएचबी ही नहीं है।
सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज से उनको गैर-बैंकिंग स्रोतों से भी पूंजी जुटाने में काफी आसानी होगी। जब कभी भी बाजार मे गिरावट आएगी हम उनके समर्थन में आएंगे और हमने ऐसा किया भी है।
सरकार ने एक एसपीवी की बात कही है जिसके जरिए गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों को नकदी केरूप में सहायता प्रदान की जाएगी। आपको लगता है कि इस योजना का लाभ एचएफसी को भी मिलेगा?
अभी तक हमने इन कंपनियों की सभी मांगों पर ध्यान दिया है और उसे पूर भी किया है। हाल में सरकार और आरबीआई द्वारा घोषित राहत उपायों का क्या असर पड़ता है, इसकी हम समीक्षा करेंगे और उसके बाद ही कोई दूसरे उपाय करेंगे।
जहां तक एसपीवी की बात है तो मैं इस पर कुछ भी कहने से परहेज करूंगा क्योंकि हमारे पास इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है।
अब आप चूंकि रेपो रेट केजरिए 5.5 फीसदी की दर पर फंड जुटा सकते हैं, क्या आप इन कंपनियों को इससे कम दर पर कर्ज मुहैया कराएंगे?
मौजूदा आवंटन 6.5 फीसदी की दर पर किया गया है। इस राशि की अगली किस्त हमें 5.5 फीसदी पर उपलब्ध होगी लेकिन हमने कर्ज मुहैया कराने की दर पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
हम इस बात पर नजर रखेंगे कि एचएफसी ग्राहकों को किस दर पर कर्ज दे रही है और उसके बाद ही शायद कोई फैसला कर पाएंगे।
इनमें से कुछ कंपनियों ने अपने कर्ज की दरों में कमी की है लेकिन हम चाहते हैं कि अन्य भी इसी तरह के कदम उठाए। इसके बाद हम दरों के बारे में समीक्षा करेंगे। एचएफसी को सस्ते दरों पर कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है।
रियल एस्टेट बाजार में गिरावट को देखते हुए एनएचबी के किस तरह के प्रदर्शन करने की आशा है?
हमें उम्मीद है कि हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हमारा कर्जों का आवंटन पिछले साल के 9,036 करोड़ रुपये की अपेक्षा इस साल 11,000 करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
हम अपने ऋण पोर्टफोलियो में 15 फीसदी की तेजी की उम्मीद कर रहे हैं।