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एचडीएफसी बैंक की रेटिंग में हो सकता है विलंब

Last Updated- December 11, 2022 | 1:37 PM IST

विश्लेषकों ने सोमवार को कहा कि एचडीएफसी बैंक के एचडीएफसी के साथ विलय को लेकर नियामकीय मंजूरी पर जारी अनिश्चितता की वजह से ऋणदाता की री-रेटिंग  यानी रेटिंग में बदलाव की प्रक्रिया में विलंब हो सकता है।  विश्लेषकों  का कहना है कि हालांकि प्रबंधन को उम्मीद है कि विलय वित्त वर्ष 2023-24 पहली/दूसरी तिमाही तक पूरा हो जाएगा, लेकिन शेयर में तेजी धीमी बनी रह सकती है।

एमके ग्लोबल के आनंद दामा ने हीत खिमावत और दीक्षित सांखरवा के साथ एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा है, ‘शेयरधारकों की बैठक 25 नवंबर, 2022 को होने वाली है, जिसके बाद विलय की प्रक्रिया को पूरा करने में 7-8 महीने तक का समय लग सकता है। एचडीएफसी लाइफ की हिस्सेदारी और इस विलय की रूपरेखा को लेकर आरबीआई के दिशा निर्देश को लेकर तस्वीर अभी भी स्पष्ट नहीं हुई है।
‘ब्रोकरेज हाउस ने सितंबर तिमाही के परिणाम के बाद बैंक के शेयर पर अपनी दीघार्वधि ‘खरीदें’ रेटिंग और 1,800 रुपये का कीमत लक्ष्य बरकरार रखा है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि प्रतिकूल विलय ढांचे और अर्थव्यवस्था को लेकर जारी अनिश्चितता की वजह से ऋण वृद्धि, विशेष रूप से खुदरा ऋण वृद्धि में सुस्ती प्रमुख जोखिम के तौर पर बने हुए हैं।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) के विश्लेषकों ने भी अपनी ‘खरीदें’ रेटिंग और कीमत लक्ष्य 1,750 रुपये पर अपरिवर्तित रखा है, क्योंकि उनका मानना है कि बाजार की अल्पावधि चिंताओं का समाधान अभी नहीं हुआ है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है, ‘उचित वैल्यू पर बैंक की दीर्घकालिक निवेश रणनीति काफी मजबूत दिख रही है।
हालांकि, अल्पावधि में यह विलय एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बना रहेगा, क्योंकि सुचारु बदलाव को लेकर विभिन्न नियामकीय संस्थाओं की तरफ से स्पष्टता की आवश्यकता है। इसलिए, हम मानते हैं कि री-रेटिंग को ध्यान में रखते हुए एक लंबी समय-सीमा की दरकार है।’ मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने भी इस पर सहमति जताई है कि स्टॉक एक्सचेंज पर इस शेयर में धीरे धीरे सुधार आ सकता है, क्योंकि राजस्व और मार्जिन में तेजी आई है। 

First Published - October 17, 2022 | 10:15 PM IST

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