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Gold Demand: 17 महीने से सोना खरीद रहा चीन, भारत ने भी कसी कमर, जानिए आपके निवेश पर क्या होगा असर?

RBI ने 2024 की पहली तिमाही (Q1-CY24 / Q4-FY24) में 19 टन सोना खरीदा।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- April 30, 2024 | 10:06 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोने की खरीद में तेजी ला दी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, RBI ने 2024 की पहली तिमाही (Q1-CY24 / Q4-FY24) में 19 टन सोना खरीदा। यह 2023 में पूरे साल में खरीदे गए 16 टन सोने से ज्यादा है।

2022 और 2023 में, वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीद को बढ़ाकर 1,000 टन प्रति वर्ष से अधिक कर दिया था। WGC का मानना ​​है कि यह दर्शाता है कि बाजार अब सोने की मांग में केंद्रीय बैंकों के योगदान को महत्व दे रहा है।

WGC ने कहा, “पिछले दो सालों में, सालाना सोने की मांग का लगभग एक चौथाई हिस्सा केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदा गया। केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार बढ़ती खरीदारी सोने की कुल मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मुद्रास्फीति (महंगाई) और अमेरिकी डॉलर की मजबूती सोने की कीमत को बढ़ाने में मदद कर रही हैं।”

दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं और यह ट्रेंड जारी रहने का अनुमान है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, खासकर उभरते बाजारों के बैंक सोने की खरीदारी में सबसे आगे हैं। मार्च 2024 तिमाही में ही 10 केंद्रीय बैंकों ने अपने सोने के भंडार में एक टन या उससे अधिक की बढ़ोतरी की है। दिलचस्प बात ये है कि ये सभी बैंक पिछली कुछ तिमाहियों में भी सोना खरीद रहे थे।

WGC के मुताबिक, मार्च 2024 तिमाही में केंद्रीय बैंकों की कुल सोने की मांग 290 टन रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 1% ज्यादा है। इतना ही नहीं, ये किसी भी साल की सबसे मजबूत पहली तिमाही भी रही है। आंकड़ों को देखें तो पिछले पांच सालों के तिमाही औसत (171 टन) के मुकाबले मार्च 2024 तिमाही में केंद्रीय बैंकों ने 69% ज्यादा सोना खरीदा। WGC का कहना है कि चीन, तुर्की और भारत इस खरीदारी में सबसे आगे रहे। कुल मिलाकर मजबूत शुरुआत इस बात का संकेत देती है कि 2024 में भी केंद्रीय बैंकों की सोने के लिए मांग मजबूत बनी रहेगी।

आखिर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सोना क्यों खरीद रहा है?

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार इसके दो मुख्य कारण हैं। पहला कारण है विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाना। अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से कई देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और मुद्रास्फीति या आर्थिक अनिश्चितता के दौरान इसकी कीमत बढ़ जाती है। दूसरा कारण है वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम।

सबनवीस ने कहा, “दुनिया भर में राजनीतिक तनाव बढ़ने से अमेरिकी ट्रेजरी में पैसा लगाना अब उतना सुरक्षित नहीं माना जाता। इसी वजह से सोना केंद्रीय बैंकों, जैसे भारत के रिजर्व बैंक, के लिए निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बन गया है। विविधीकरण की नजर से भी सोना अब बेहतर माना जा रहा है।

हालांकि, अभी तक वैश्विक लेनदेन में अमेरिकी डॉलर का दबदबा कम नहीं हुआ है, यानी दूसरे देशों की मुद्राओं का प्रयोग अभी व्यापक नहीं हुआ है। फिर भी, भारत जैसे देश अपनी मुद्रा, रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।”

सबनवीस ने कहा, “सोने में निवेश की आकर्षकता और बढ़ गई है। अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के उलट, जो मुद्रा पर निर्भर करते हैं, सोना निवेशक को किसी भी देश या सरकार से स्वतंत्र बनाता है। साथ ही, यह उम्मीद की जाती है कि सोने की कीमत समय के साथ बढ़ती रहेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही केंद्रीय बैंक ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए निवेश नहीं करते, लेकिन लंबे समय में मूल्य सुरक्षा के लिहाज से सोना उनके लिए बेहतर विकल्प है। इसका उदाहरण चीन है, जिसने मार्च 2024 तिमाही में अपने सोने के भंडार में 27 टन की बढ़ोतरी की (WGC डेटा के अनुसार)।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, “दुनिया सोने की ओर रुख कर रही है। चीन का केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) लगातार 17 महीने से सोना खरीद रहा है। मार्च 2024 तिमाही में भी उन्होंने अपने भंडार में 27 टन सोना शामिल किया, जिससे कुल भंडार 16% बढ़कर 2,262 टन तक पहुंच गया। विश्लेषकों का कहना है कि 2024 में कई देशों में चुनाव और बढ़ते वैश्विक तनाव सोने की कीमतों को ऊपर ले जा सकते हैं।”

“साथ ही केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी भी सोने को सहारा देगी। इस अस्थिर समय में, यह चिंता है कि क्या अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) ब्याज दरों को नियंत्रित कर पाएगा और वैश्विक मंदी की आशंका भी बनी हुई है। ऐसे में कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर शामिल कर सकते हैं।”

First Published : April 30, 2024 | 3:53 PM IST