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एकु्रअल फंडों पर फंड प्रबंधकों की नजर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:20 AM IST

भले ही संक्षिप्त अवधि के डेट फंड निवेशकों के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं, लेकिन फंड प्रबंधक अब ऊंचे प्रतिफल  की तलाश में अपना ध्यान धीरे धीरे एक्रुअल फंडों पर केंद्रित कर रहे हैं।
एक्रुअल फंड ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी क्रेडिट रेटिंग कम होती है, और ये फंड इस रेटिंग में सुधार की उम्मीद से दांव लगाते हैं। ऐक्सिस ऐसेट मैनेजमेंट की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें विश्वास है कि एए स्पेस में अवसर जोखिम उठाने की क्षमता वाले निवेशकों के लिए आकर्षक दांव होगा। हालांकि निवेशक सतर्क बने रह सकते हैं और इस क्षेत्र में निवेश अवसरों की पहचान के समय पोर्टफोलियो पर बारीकी से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।’ एएमसी में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख आर शिवकुमार का कहना है कि मुद्रास्फीति पर ताजा स्थिति को देखते हुए अगली दर कटौती के लिए संभावना बनी हुई है और इसमें बदलाव तभी आएगा जब आर्थिक परिदश्य में बड़ा बदलाव दिखेगा। आरबीआई ने इस साल रीपो दर में 140 आधार अंक तक की कटौती की है।
शिवकुमार ने कहा, ‘यह रक्षात्मक बने रहने और बेहद संक्षिप्त अवधि की योजनाओं से जुड़े रहने का समय नहीं है बल्कि ऐसी परिसंपत्तियों पर ध्यान देने का समय है जो आपको अच्छा प्रतिफल दिला सकें। आप 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों जैसी दीर्घावधि योजनाओं पर ध्यान दे सकते हैं जिनमें दर वृद्घि का असर पहले ही दिख चुका है। वैकल्पिक तौर पर आप तीन साल और इससे कम अवधि के अधिक प्रतिफल वाले एएए- और एए-रेटिंग के कॉरपोरेट बॉन्डों पर विचार कर सकते हैं।’
विश्लेषकों के अनुसार, प्रतिफल की रेखा काफी लंबी हो गई है जिसका मतलब है कि बाजार आगामी दर वृद्घि का अनुमान पहले ही लगा चुका है। 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल की दर बुधवार को 6.19 प्रतिशत थी। आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि वह दो बार में 20,000 करोड़ रुपये के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओ) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री साथ साथ करेगा।
एक वरिष्ठ फंड प्रबंधक ने कहा, ‘फंड प्रबंधक आखिरकार अगले 6-12 महीनों के दौरान एए नामों पर केंद्रित होंगे। दरअसल, उन्होंने जून के मध्य से एए पत्रों पर ध्यान देना पहले ही शुरू कर दिया है। ‘

First Published : September 10, 2020 | 12:29 AM IST