वैश्विक स्तर पर दबाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार स्थिर बने हुए हैं। PL Capital का मानना है कि घरेलू मांग और नीतिगत मजबूती के कारण भारत आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन करेगा। इसी उम्मीद के आधार पर ब्रोकरेज ने निफ्टी का 12 महीने का टारगेट 27,609 से बढ़ाकर 28,781 कर दिया है। यह वैल्यूएशन सितंबर 2027 के EPS पर 19.2x PE के आधार पर किया गया है।
दुनिया भर में अमेरिका के टैरिफ बढ़ने, वीजा फीस में इजाफा और जियोपॉलिटिकल तनाव जैसी चुनौतियों के बावजूद, भारत ने आर्थिक स्थिरता दिखाई है। PL Capital का कहना है कि सामान्य मॉनसून, मजबूत घरेलू मांग और सरकारी नीतिगत समर्थन ने बाहरी दबावों को सोख लिया है।FY26 के पहले पाँच महीनों में सरकार ने पूंजीगत व्यय (Capex) में जबरदस्त 43% की बढ़ोतरी की है, जिसने अर्थव्यवस्था को गति देने वाले सबसे बड़े इंजन के रूप में काम किया और विकास को नई रफ्तार दी। हालांकि अगर सरकार आगे नई फंडिंग या अतिरिक्त आवंटन की घोषणाएं नहीं करती, तो कैपेक्स खर्च की यह तेज रफ्तार धीमी होकर स्थिर हो सकती है।
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हाल के महीनों में विदेशी निवेशकों ने करीब ₹85,000 करोड़ की बिकवाली की, फिर भी बाजारों पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ा। इसका मुख्य कारण घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी और भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति है। साथ ही GST 2.0 का लागू होना और खपत मांग के दोबारा बढ़ने की उम्मीद बाजार को सपोर्ट दे रहे हैं। ब्रोकरेज का मानना है कि सामान्य महंगाई, ब्याज दर में 100 बेसिस प्वाइंट कटौती, डिस्क्रिशनरी गुड्स पर GST में कमी और FY26 बजट में टैक्स कटौती जैसे कदम मांग को और बढ़ा सकते हैं। एक मजबूत फेस्टिव सीजन ने भी ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में खरीदी को तेज किया है। साथ ही 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू होना मांग को FY27 तक टिकाए रख सकता है।
PL Capital के अनुसार, आने वाली ग्रोथ में प्रमुख भूमिका अब उन सेक्टर्स की होगी जो पूरी तरह से घरेलू मांग पर केंद्रित हैं। बैंकों, NBFCs, ऑटो, रिटेल, कंज्यूमर स्टेपल्स, डिफेंस, मेटल्स और कुछ कंज्यूमर ड्यूरेबल्स तथा EMS कंपनियों में शानदार अवसर हैं। ब्रोकरेज का कहना है कि FY26 के दूसरे आधे में घरेलू लिक्विडिटी और मांग में सुधार होगा, जिससे इन सेक्टर्स में अर्निंग्स रिकवरी दिखाई देगी।
लार्ज कैप कैटेगरी में ब्रोकरेज ने अदाणी पोर्ट्स, अपोलो हॉस्पिटल्स, ब्रिटानिया, HAL, ICICI बैंक, ITC, लुपिन, L&T, महिंद्रा & महिंद्रा, SBI, टाटा स्टील और टाइटन को पसंदीदा स्टॉक्स में रखा है। वहीं मिड और स्मॉल कैप स्पेस में एम्बर एंटरप्राइजेज, डॉम्स इंडस्ट्रीज, एरिस लाइफसाइंसेज, KEI इंडस्ट्रीज, लैटेंट व्यू एनालिटिक्स, सम्ही होटल्स और वोल्टैम्प ट्रांसफॉर्मर्स को संभावित आउटपरफॉर्मर माना जा रहा है।
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दूसरी तिमाही FY26 में PL Capital को अपनी कवरेज वाली कंपनियों की बिक्री में 9.7%, Ebitda में 11.2% और PBT में 9.9% की ग्रोथ की उम्मीद है। तेल व गैस को छोड़ दें तो भी Ebitda 9.7% और PBT 6.1% बढ़ने का अनुमान है। कमोडिटी सेक्टर जैसे सीमेंट, मेटल्स और ऑयल & गैस में निचले बेस, कम इनपुट लागत और बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन की वजह से Ebitda में 25% से 55% तक की भारी बढ़त देखने को मिलेगी। ऑटो, कैपिटल गुड्स, बिल्डिंग मटेरियल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हॉस्पिटल्स और फाइनेंशियल सर्विसेज में भी डबल-डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है। कुल मिलाकर Ebitda मार्जिन में 28 bps सुधार का अनुमान है।
ब्रोकरेज ने FY26 और FY27 के निफ्टी EPS अनुमान में थोड़ा कट (1.9% और 2.1%) किया है, लेकिन फिर भी FY25 से FY27 के बीच EPS में 12.1% CAGR की उम्मीद है। FY25 में अनुमानित EPS ₹1,229 है, जो FY27 में ₹1,415 और FY28 में ₹1,582 तक पहुंच सकता है। मौजूदा समय में निफ्टी 19x एक साल आगे के EPS पर ट्रेड कर रहा है, जो 15 साल के औसत से 1% और 10 साल के औसत से 5.5% सस्ता है। इससे संकेत मिलता है कि बाजार में अभी भी मध्यम बढ़त की गुंजाइश है।
शहरी मांग में निरंतर सुधार की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि ब्याज दरों में कमी, GST रेशनलाइजेशन और टैक्स कट से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। हालांकि ग्रामीण इलाकों में देर से बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है, जिससे ग्रामीण मांग थोड़ी कमजोर है। H2FY26 में क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की संभावना है, जो बैंकों और NBFCs के लिए फायदेमंद होगी।