facebookmetapixel
अक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोपकोल इंडिया विदेशों में निवेश की दिशा में, पीएमओ भी करेगा सहयोगLPG-ATF Prices From Nov 1: कमर्शियल LPG सिलेंडर में कटौती, ATF की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी; जानें महानगरों के नए रेटMCX पर ट्रेडिंग ठप होने से सेबी लगा सकती है जुर्मानासीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

FPI ने भारत से की सबसे बड़ी निकासी, उभरते बाजारों में निवेश का रुख बदलने की उम्मीद

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि वैश्विक नकदी भारतीय बाजारों के लिए मददगार नहीं रही है।

Last Updated- August 25, 2024 | 9:28 PM IST
FPI Selling

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अभी तक उभरते बाजारों में सबसे ज्यादा निवेश निकासी भारतीय बाजारों से की है। घरेलू निवेशकों का सतत निवेश जारी है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि वैश्विक नकदी भारतीय बाजारों के लिए मददगार नहीं रही है। महीने की शुरुआत में ज्यादातर उभरते बाजारों ने अमेरिका में सभावित मंदी और जापनी कैरी ट्रेड सौदों की दिशा बदल जाने की चिंता के बीच निवेश निकासी का सामना किया।

हालांकि मंदी का डर खत्म होने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर कटौती की उम्मीद से ज्यादातर बाजारों में निवेश निकासी की दिशा पलट गई जिससे उन्हें नुकसान की भरपाई में मदद मिली। बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स इस महीने के निचले स्तर से करीब 4 फीसदी सुधरा है लेकिन अभी भी अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से एक फीसदी नीचे है।

अगस्त में एफपीआई भारत (1.5 अरब डॉलर), ताइवान (68.2 करोड़ डॉलर), दक्षिण कोरिया (55.4 करोड़ डॉलर), थाइलैंड और वियतनाम में में शुद्ध बिकवाल रहे लेकिन फिलिपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया (87.3 करोड़ डॉलर) और ब्राजील (1.2 अरब डॉलर) में शुद्ध खरीदार रहे। बाजार के विशेषज्ञों ने पाया कि उभरते बाजारों में वैश्विक आवंटन में हालांकि सुधार हुआ है, लेकिन उच्च मूल्यांकन की चिंताओं के कारण भारत सबसे ज्यादा अंडरवेट बाजार बन गया है।

महीने के पहले 15 दिनों में एफपीआई की तरफ से तेज ​निकासी हुई जिसे अमेरिका में बेरोजगारी दर में वृद्धि से बढ़ावा मिला। जापान के ब्याज बढ़ोतरी करने के बाद येन के कैरी ट्रेड में पलटाव से भी अहम इक्विटी बाजारों से संभावित निवेश निकासी को लेकर चिंता बढ़ी।

हालांकि अमेरिका में बेरोजगारी के लाभ के दावों में गिरावट और अमेरिकी बिक्री में सुधार से महंगाई में नरमी की उम्मीद बिना किसी आर्थिक अवरोध के बढ़ गई। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जीरोम पावेल के हालिया बयानों को उभरते बाजारों में विदेशी निवेश प्रवाह के लिए सहायक माना जा रहा है।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट के मुताबिक बेहतर आंकड़ों से निवेशकों को भरोसा होने लगा है कि बुरे दिन पीछे रह गए और वे उभरते बाजारों में जोखिम लेने के लिए तैयार हैं। अब और आंकड़े नहीं हैं। ऐसे में फेडरल रिजर्व का बयान सितंबर में दर कटौती को मुमिकन बनाता है। आने वाले समय में निवेश किसी देश विशेष के आर्थिक आंकड़ों और भूराजनीतिक तनावों पर निर्भर करेगा।

First Published - August 25, 2024 | 9:28 PM IST

संबंधित पोस्ट