आईडीएफसी एएमसी में इक्विटी प्रमुख अनूप भास्कर का मानना है कि इक्विटी निवेश को कुछछ वर्षों और शायद एक दशक के बजाय कुछ महीनों के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। पुनीत वाधवा के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अल्पावधि नजरिये से निवेश करना एक भीड़भाड़ वाले रास्ते को पार करने जैसा होगा। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या यह समय शेयरों में निवेश के लिए सही है?
बाजार में अब मंदी की स्थिति का खतरा पैदा हुआ है। ऐसे परिवेश में, अल्पावधि (एक-तीन महीने से कम) की अवधि के साथ इक्विटी में निवेश एक व्यस्त हाईवे को पार करने के समान होगा। निश्चित तौर पर, आप बच सकते हैं, लेकिन ऐसा करना समझदारी नहीं होगी। इक्विटी निवेश को कुछ महीनों नहीं, बल्कि कुछ वर्षों और शायद एक दशक के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
क्या आपने 2022 की पहली छमाही में उतार-चढ़ाव का पूरी तरह से सामना किया है?
कई फंडों की दिशा में पहले कदम के तौर पर हमने पूंजी जुटाई और बीटा घटाने पर जोर दिया। बाजार में हरेक गिरावट खास है और पिछले सबक शायद ही किसी को ठोकर खाए बगैर हालात से मुकाबला करने में सक्षम बनाते हैं। हमारे फंड मोटे तौर पर ‘वैल्यू’ और ‘कंसिस्टेंट ग्रोथ एंड क्वालिटी’ में विभाजित हैं। सामान्य तौर पर, गिरावट के दौरान बाजार के वैल्यू सेगमेंट का प्रदर्शन कमजोर होता है। इस बार मंदी के बाजार के पारंपरिक क्षेत्र ग्रोथ एवं क्वालिटी सेगमेंट पर ज्यादा प्रभावित पड़ा है।
क्या आप मौजूदा हालात में वैश्विक बाजारों में विविधता लाने का सुझाव देना चाहेंगे?
वैश्विक बाजारों में विविधता लाने की चाहत रखने वाले निवेशकों के लिए, अमेरिका प्रमुख बाजार बना हुआ है और उसके लिए निवेश आवंटन महत्वपूर्ण होगा। इसलिए अमेरिकी बाजारों में निवेश में ताजा वृद्धि एक अवसर है। हालांकि हमें भारत पर भरोसा बना हुआ है और घरेलू निवेशकों को अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा यहां लगाना चाहिए, क्योंकि जीडीपी परिदृश्य और आय वृद्धि मजबूत हैं।
भारतीय उद्योग जगत के जून तिमाही के आय प्रदर्शन से आपको क्या उम्मीदें हैं?
जून 2022 तिमाही में कुछ और डाउनग्रेड दर्ज किए जा सकते हैं। मार्च 2022 तिमाही में अपग्रेड/डाउनग्रेड का अनुपात 26:74 का था, जबकि मार्च 2021 की तिमाही के लिए यह 80:20 था। वहीं मार्च 2022 की तिमाही से आय अनुमान नीचे थे, क्योंकि दुनिया में जिंस कीमतों में बदलाव दर्ज किया गया। मौजूदा कीमतों में बदलाव का पूरा असर जून 2022 और सितंबर 2022 की तिमाहियों में दिखेगा, जिनसे डाउनग्रेड में इजाफा हो सकता है। कीमत वृद्धि करने वाली कंपनियां ऊंची लागत का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी। साथ ही कई जिंसों में अमेरिका में संभावित मंदी की वजह से नरमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, वहां दिसंबर 2022 के वित्तीय तिमाही परिणामों से अपग्रेड की अच्छी संभावना है।
निवेशकों के लिए उपयुक्त निवेश आवंटन क्या होना चाहिए?
परिसंपत्ति आवंटन रणनीति जोखिम प्रोफाइल और विभिन्न निवेश लक्ष्यों के आधार पर अलग अलग हो सकती है। एक सतर्क निवेशक के लिए इक्विटी और डेट के संतुलित पोर्टफोलियो को उपयुक्त माना जा सकता है, क्योंकि जोखिम काफी हद तक दूर हो चुका है। धातुओं के लिए निवेश बढ़ाने के बजाय सोने जैसी धातुओं में दांव निवेशकों के परिसंपत्ति आवंटन का मुख्य हिस्सा हो सकता है। निवेशकों को सोने में खरीदारी पर अपना ध्यान बढ़ाना चाहिए।