ईजी ट्रिप प्लानर्स का शेयर शुक्रवार को आईपीओ कीमत से 10 फीसदी ऊपर बंद हुआ। यह शेयर 206.5 रुपये पर बंद हुआ, जो आईपीओ कीमत 187 रुपये के मुकाबले महज 10.4 फीसदी ज्यादा है। कारोबार के दौरान एनएसई पर यह शेयर 234 रुपये के उच्चस्तर पर पहुंचा था जबकि 187 रुपये का निचला स्तर छुआ, जहां करीब 900 करोड़ रुपये के शेयरों का कारोबार हुआ।
आईपीओ को मिले ज्यादा आवेदन को देखते हुए इस शेयर का प्रदर्शन कमजोर रहा। ऑनलाइन ट्रैवल फर्म के 510 करोड़ रुपये के आईपीओ को 159 गुना बोली मिली थी।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि एचएनआई को इस इश्यू पर नुकसान हुआ। एचएनआई श्रेणी को 70 गुना आवेदन मिले थे। इस श्रेणी के निवेशक बैंकोंं या एनबीएफसी से उधार लेकर आईपीओ में आवेदन करते हैं। इसने उसके ब्रेक-ईवन की लागत बढ़ा दी। अगर सूचीबद्धता की कीमत शानदार होतिी है तो यह रणनीति काम करती है, जैसा कि एमटार टेक जैसे आईपीओ में देखने को मिला था।
ईजी ट्रिप के मामले में एचएनआई के लिए ब्रेक-ईवन लागत 280 रुपये प्रति शेयर थी। इसके परिणामस्वरूप जिन निवेशकों ने उधार लेकर दांव लगाया था उन्हें हर आवंटित शेयर पर करीब 73 रुपये का नुकसान हुआ।
फैसले का एनसीएलटी प्रक्रिया पर असर नहीं
किशोर बियाणी की अगुआई वाली फ्यूचर रिटेल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश का राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर जारी सुनवाई पर कोई असर नहीं होगा। कंपनी ने यह भी कहा कि वह आदेश का उपयुक्त उपचार निकालने पर विचार कर रही है।
फ्यूचर रिटेल ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि न्यायाधीश जे आर मिर्धा के निर्देशों के संबंध में कंपनी के प्रवर्तक सलाह के अनुसार उपयुक्त कदम उठाएंगे। कंपनी ने संकेत दिया कि आदेश के खिलाफ अपील दायर की जा सकती है। कंपनी ने कहा, हमें सलाह दी गई है कि इस आदेश का एनसीएलटी में जारी कार्यवाही पर असर नहीं पड़ेगा। यह उच्चतम न्यायालय के 22 फरवरी, 2021 के आदेश के अनुरूप नहीं है। कंपनी ने कहा कि इस आदेश के प्रभावशील हिस्से अंश 2 फरवरी 2021 के अंतरिम आदेश में पहले से शामिल है। फ्यूचर रिटल की अपील पर उनके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने रोक लगा रखी है। भाषा