शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए अगले हफ्ते दो बड़ी कंपनियों की ओर से अहम कॉर्पोरेट एक्शन होने जा रहा है। दो कंपनियां Mrs. Bectors Food Specialities Ltd और Bharat Rasayan Ltd ने अपने-अपने स्टॉक को बांंटने का ऐलान किया है। दोनों ने इसके लिए एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट 12 दिसंबर तय की है। इसका मतलब है कि इस तारीख तक जिन निवेशकों के पास कंपनियों के शेयर होंगे, वही स्टॉक स्प्लिट का फायदा उठा पाएंगे।
पहली कंपनी Mrs. Bectors Food Specialities Ltd (BECTORFOOD, सिक्योरिटी कोड 543253) ने बताया है कि वह अपने शेयरों को 10 रुपये फेस वैल्यू से घटाकर 2 रुपये फेस वैल्यू में स्प्लिट कर रही है। इससे छोटे निवेशकों के लिए शेयर आसानी से खरीदे जाने योग्य हो जाएंगे, क्योंकि स्टॉक स्प्लिट के बाद प्रति शेयर कीमत आमतौर पर फेस वैल्यू के हिसाब से एडजस्ट हो जाती है।
दूसरी ओर, Bharat Rasayan Ltd (BHARATRAS, सिक्योरिटी कोड 590021) ने भी 10 रुपये फेस वैल्यू वाले शेयरों को 5 रुपये फेस वैल्यू में विभाजित करने का फैसला किया है। कंपनी काफी समय से केमिकल सेक्टर में मजबूत पकड़ रखती है और इसका स्टॉक हाई प्राइस बैंड में ट्रेड करता है। ऐसे में स्टॉक स्प्लिट से इसमें ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ने की संभावना है।
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स्टॉक स्प्लिट होने के बाद निवेशकों के पास शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन उनकी कुल होल्डिंग वैल्यू वही रहती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी निवेशक के पास 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 10 शेयर हैं, और उन्हें 2 रुपये फेस वैल्यू में स्प्लिट किया जाता है, तो शेयरों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। हालांकि कुल निवेश उतना ही रहेगा, बस हर शेयर की कीमत स्प्लिट के अनुपात में एडजस्ट हो जाएगी।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टॉक स्प्लिट आमतौर पर अच्छी बात मानी जाती है, क्योंकि इससे शेयर ज्यादा लोगों की रीच में आते हैं और लिक्विडिटी बढ़ती है। खासतौर पर जब कोई कंपनी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हो और उसका स्टॉक महंगा हो गया हो।
दोनों कंपनियों की ओर से एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट 12 दिसंबर 2025 तय की गई है। इसलिए निवेशक अगर इस मौके का लाभ लेना चाहते हैं, तो इस तारीख से पहले अपने पोर्टफोलियो में इन शेयरों को होल्ड करना जरूरी होगा।
मार्केट में पहले से ही इन दोनों कंपनियों के स्प्लिट को लेकर चर्चा तेज है। अब देखना यह होगा कि स्टॉक स्प्लिट के बाद इनके शेयरों के ट्रेडिंग पैटर्न और कीमतों पर क्या असर पड़ता है।