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Demat Accounts: डीमैट खाते 17 करोड़ के पार

2024 में हर महीने औसतन 40 लाख डीमैट खाते खुले, आईपीओ से निवेशकों को मिले बेहतरीन रिटर्न, बीएसई आईपीओ इंडेक्स में 33.5% की वृद्धि।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- September 05, 2024 | 10:46 PM IST

शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले डीमैट खातों की संख्या अगस्त में 42 लाख तक बढ़कर 17.11 करोड़ पर पहुंच गई। यह वर्ष 2024 में हर महीने 40 लाख खातों की औसत वृद्धि है। डीमैट खातों की संख्या को अगस्त में बड़ी तादाद में आए आईपीओ से भी मदद मिली।

पिछले महीने 10 कंपनियों ने आईपीओ से करीब 17,000 करोड़ रुपये जुटाए। यह मई 2022 के बाद से इस विकल्प के जरिये जुटाई जाने वाली सबसे अच्छी राशि है। 2022 में एलआईसी का आईपीओ बाजार में आया था।

पिछले महीने ओला इलेक्ट्रिक (निर्गम आकार 6,145 करोड़ रुपये) और फर्स्टक्राई की मालिक ब्रेनबीज (4,194 करोड़ रुपये) जैसे कई बड़े निर्गम आए। इस कैलेंडर वर्ष में 50 से ज्यादा कंपनियों ने 31 अगस्त तक 53,419 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आईपीओ से निवेशकों को शानदार रिटर्न भी मिला और नए सूचीबद्ध शेयरों के प्रदर्शन पर केंद्रित बीएसई आईपीओ इंडेक्स 2024 में अब तक 33.5 प्रतिशत चढ़ा है।

बाजार नियामक सेबी के एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि बड़ी संख्या में निवेशक मुख्य रूप से आईपीओ में भाग लेने के लिए डीमैट खाते खोल रहे हैं। अध्ययन के अनुसार अप्रैल 2021 से दिसंबर 2023 तक आईपीओ के लिए आवेदन करने वाले कुल आवंटित डीमैट खातों में से लगभग आधे खाते महामारी के बाद की अवधि में खोले गए। निवेशकों ने आईपीओ आवंटन में अपनी संभावनाएं बढ़ाने के लिए परिवार के सदस्यों के भी नए डीमैट खाते खुलवाए हैं।

करीब 3.2 करोड़ डीमैट खाते कैलेंडर वर्ष 2024 के पहले आठ महीनों में खोले गए। बाजार में उतार-चढ़ाव और अन्य समस्याओं (पूंजी बाजार कर में वृद्धि और अमेरिका में मंदी की आशंका से जुड़ी चिंता समेत) के बावजूद भारतीय शेयर बाजार लगातार नए निवेशक आकर्षित कर रहा है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि डीमैट खातों की तेज रफ्तार बाजार की मजबूती का भी संकेत है।

उन्होंने कहा कि इन नए निवेशकों से होने वाले निवेश से विदेशी फंडों या मौजूदा निवेशकों की किसी भी संभावित निकासी की भरपाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही, अस्थिरता भी नियंत्रण में रखने में सहायता मिलेगी। मौजूदा रुझान से इक्विटी में पारिवारिक बचत बढ़ने का भी पता चलता है। सेबी की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में इक्विटी में घरेलू पारिवारिक निवेश 128 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2023 के 84 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।

First Published : September 5, 2024 | 10:46 PM IST