शापूरजी पलोनजी (एसपी) समूह के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि टाटा संस में एसपी समूह के 18.5 फीसदी शेयर के एक हिस्से को गिरवी रखने के लिए उसे टाटा समूह से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
उक्त अधिकारी ने कहा कि उनकी हिस्सेदारी का मूल्य करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये है और समूह को तत्काल महज 5,000 करोड़ रुपये की जरूरत है ताकि वह भारतीय ऋणदाताओं को एकबारगी कर्ज पुनर्गठन प्रस्ताव के तहत भुगतान कर सके। अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है कि एसपी समूह अपने शेयर को गिरवी नहीं रख सकता है और टाटा ने भी समीक्षा याचिका दायर नहीं की है।’ उन्होंने कहा कि एसपी समूह ने अपने शेयर गिरवी रखने के लिए टाटा से अनुमति नहीं मांगी है और किसी बैंक को भी इस पर आपत्ति नहीं है।
एसपी समूह की प्रमुख कंपनी ने घरेलू ऋणदाताओं के साथ एकमुश्त समाधान का प्रबंध किया है और अक्षय ऊर्जा कंपनी स्टर्लिंग ऐंड विल्सन सोलर, यूरेका फोब्र्स में अपना हिस्सा और भूखंड बेचकर अगले साल जून तक बकाया चुकाने का वादा किया है। अधिकारी ने कहा कि यूरेका फोब्र्स की बिक्री अगले 45 दिन में तय हो जाएगी और बैंक को समय पर भुगतान किया जाएगा।
ऋणदाता से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि एसपी समूह ने 5,000 करोड़ रुपये के ब्रिज लोन के लिए कुछ विदेशी बैंकों से भी संपर्क किया है और इस पर अभी बातचीत चल रही है। हालांकि खबर है कि टाटा समूह शेयर गिरवी रखने का विरोध कर सकता है क्योंकि उसके पास शेयर के मामले में पहले इनकार का अधिकार है।
अधिकारी ने कहा कि अगर टाटा मामले को अदालत में ले जाता है तो एसपी समूह के पास कानूनी लड़ाई लडऩे के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। इस बारे में जानकारी के लिए टाटा समूह के प्रवक्ता को ईमेल भेजा गया लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका जवाब नहीं आया। एसपी समूह के प्रवक्ता ने पूंजी जुटाने की योजना पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बैंकरों ने कहा कि वे टाटा संस के शेयर गिरवी रखने के मामले में कानूनी दांव-पेच से बचना चाहते हैं और जमानत के तौर पर अन्य संपत्तियों की संभावना तलाश रहे हैं। पिछले साल सितंबर में शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक के कोविड संबंधी समाधान प्रारूप के अनुसार अपने ऋणदाताओं को कर्ज के एकबारगी पुनर्गठन का आवेदन दिया था। सभी पात्र ऋणदाताओं के बीच 24 नंवबर, 2020 को अंतर-ऋणदाता समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
एसपी समूह की प्रमुख कंपनी पर वित्त वर्ष 2021 में एकल आधार पर 5,320 करोड़ रुपये और संचयी स्तर पर 10,000 करोड़ रुपये की देनदारी थी। समूह की कुल उधारी 25,000 करोड़ रुपये थी जबकि प्रमुख कंपनी पर 23,500 करोड़ रुपये का कर्ज था। कोविड की चुनौतियों की वजह से समूह कर्ज का भुगतान करने में विफल रहा और एकबारगी कर्ज पुनर्गठन की मांग की।समूह ने 30 जून, 2022 से चार तिमाही किस्तों में बाकी कर्ज का भुगतान करने का वादा किया। उसने कहा कि वह अपनी संपत्तियों और निवेश को बेचकर कर्ज चुका देगा। बैंकरों ने कहा कि शेयर बेचने में देरी होने से कंपनी को आगे और तरलता की समस्या हो सकती है।इस साल मार्च में सर्वोच्च न्यायालय ने एसपी समूह की याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उसने टाटा संस के बोर्ड में निदेशक पद और एसपी समूह के साइरस मिस्त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बनाने की मांग की थी। अदालत ने शेयर गिरवी रखने के मामले में कोई निर्देश नहीं दिया था। वकीलों का कहना है कि इस मामले को लेकर एसपी समूह और टाटा समूह में एक बार फिर विवाद शुरू हो सकता है।