Stock Market Today: भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार का कारोबारी सत्र बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा और बीएसई सेंसेक्स तथा निफ्टी-50 दोनों इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई।
एशियाई बाजारों में कमजोरी और इस सप्ताह के अंत में अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Fed Reserve) के ब्याज दरों को लेकर निर्णय के मद्देनजर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT Stocks) कंपनियों के शेयरों में फिसलन से बाजार में गिरावट आई।
सेंसेक्स 238 अंक फिसला
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 237.72 अंक या 0.37 प्रतिशत की गिरावट लेकर 63,874.93 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 16 के शेयर हरे जबकि 14 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए।
इसी तरह निफ्टी-50 (Nifty-50) में भी गिरावट दर्ज की गई और यह 61.30 अंक या 0.32 फीसदी की गिरावट लेकर 19,079.60 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
टॉप गेनर्स
सेंसेक्स की कंपनियों में टाइटन के शेयर (Titan Stock) में सबसे ज्यादा 2.47 प्रतिशत की तेजी आई। साथ ही कोटक बैंक, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और टाटा मोटर्स समेत 16 शेयर प्रमुख रूप से लाभ में बंद हुए।
टॉप लूजर्स
दूसरी तरफ, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयर में 2.59 प्रतिशत की सबसे ज्यादा गिरावट आई। इसके अलावा सन फार्मा, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक समेत 14 कंपनियों के शेयर लाल निशान में रहे।
अक्टूबर के दौरान सेंसेक्स में 1953 अंको की गिरावट
बता दें साल 2023 के किसी भी महीने में भारतीय शेयर बाजार का अक्टूबर में सबसे खराब प्रदर्शन रहा। अक्टूबर माह के दौरान शेयर बाजार का प्रदर्शन सुस्त रहा और यह करीब 3 प्रतिशत की गिरावट लेकर बंद हुआ।
सितंबर के आखिरी कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 65,828 अंक पर बंद हुआ था जबकि 31 अक्टूबर को यह 63,874.93 अंक पर बंद हुआ। इस लिहाज से सेंसेक्स में अक्टूबर के दौरान 1953 अंको की गिरावट आई है।
इजराइल-हमास संघर्ष ने निवेशकों की बढ़ाई चिंता
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ब्याज दरों ने भी विदेशी निवेशकों द्वारा घरेलू शेयर बाजार में लगातार बिक्री को बढ़ावा दिया है। जबकि मिडल ईस्ट में तनाव की स्थिति के कारण तेल की कीमतों में वृद्धि से भी बिकवाली का दबाव बढ़ा।
मिडल ईस्ट संघर्ष को लेकर चिंताओं के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जो भारत जैसे नेट आयातक देशों के लिए नकारात्मक संकेत है।
विदेशी निवेशकों ने निकाले पैसे
इसके अलावा अमेरिका फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें भी उच्च स्तर पर है, जिससे वो निवेशकों के लिए निवेश की आकर्षक जगह बन गए हैं। इसी कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से अक्टूबर में अब तक 22,850 करोड़ रुपये के मूल्य के शेयर निकाले हैं, जो जनवरी के बाद से किसी भी महीने में सबसे ज्यादा है।