सोमवार को अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। यह गिरावट तब हुई जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उन्हें बैंक धोखाधड़ी के मामले में नामजद किया। यह मामला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को हुए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान से जुड़ा है।
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 5 प्रतिशत के निचले सर्किट पर बंद हुए। वहीं रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर 5.5 प्रतिशत तक गिर गए। रिलायंस होम फाइनेंस का शेयर भी 5.12 प्रतिशत नीचे आया, जबकि निफ्टी50 में मामूली 0.33 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई। इस गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया।
CBI ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उनके घर व ऑफिस पर छापेमारी की। यह कार्रवाई SBI की शिकायत पर हुई। SBI ने पहले इन कंपनियों को ‘फ्रॉड’ करार दिया था। SBI के अनुसार, RCom में उनका क्रेडिट एक्सपोजर फंड-बेस्ड प्रिंसिपल सहित 2,227.64 करोड़ रुपये और गैर-फंड आधारित बैंक गारंटी के रूप में 786.52 करोड़ रुपये था। SBI ने 10 नवंबर 2020 को अनिल अंबानी और उनके समूह को ‘फ्रॉड’ घोषित किया और 5 जनवरी 2021 को CBI में शिकायत दर्ज कराई।
अनिल अंबानी ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है। उनके प्रवक्ता के अनुसार, SBI ने पांच अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली है और “अंबानी को चुनिंदा रूप से निशाना बनाया गया” है।
इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। यह मामला उनके समूह की कंपनियों द्वारा कथित रूप से 10,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी और धन गबन से जुड़ा है। रिलायंस ग्रुप ने इसे गलत और अतिशयोक्तिपूर्ण बताया। कंपनी ने कहा कि रिलायंस इंफ्रा का वास्तविक एक्सपोजर 6,500 करोड़ रुपये था, और 10,000 करोड़ का दावा केवल मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का प्रयास है।
वर्तमान में RCom का प्रबंधन SBI की अध्यक्षता वाली क्रेडिटर्स की समिति और रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल की निगरानी में हो रहा है। 6 मार्च 2020 को रेजॉल्यूशन प्लान NCLT, मुंबई में जमा किया गया था। SBI ने अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवाला समाधान प्रक्रिया (IBC के तहत) भी शुरू की है। यह मामला भी NCLT, मुंबई में सुनवाई के अधीन है। इस मामले के कारण निवेशक चिंतित हैं और अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।