बाजार

Stock market: बुल बनेगा बॉस या बियर करेगा कब्जा? एक्सपर्ट्स बता रहे निवेशकों के लिए जरूरी टिप्स

Stock market: पाकिस्तान के साथ हालात में नरमी और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में सुधार ने हाल के कारोबारी सत्रों में बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया है।

Published by
साई अरविंद   
Last Updated- May 22, 2025 | 8:06 AM IST

Stock market: भारतीय शेयर बाजार इन दिनों दिशा तलाश रहा है। अप्रैल की गिरावट से तेज़ी से उबरने के बाद अब बाजार थोड़ी थकावट दिखा रहा है। 7 अप्रैल से 15 मई तक सेंसेक्स और निफ्टी करीब 15% चढ़ चुके हैं, लेकिन हाल के कारोबारी सत्रों में उनमें ज़्यादा हलचल नहीं रही। कोटक सिक्योरिटीज़ के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान कहते हैं, “बाजार में इस समय बुल्स और बियर्स दोनों को ही कमाई का मौका मिल रहा है। लेकिन अब निवेशकों को गिरावट में खरीद का नजरिया अपनाना चाहिए, खासकर मजबूत सेक्टर्स में।”

पाकिस्तान के साथ हालात में नरमी और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में सुधार ने हाल के कारोबारी सत्रों में बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया है। वैश्विक व्यापार सामान्य होता दिख रहा है, जिससे जोखिम लेने की भावना बढ़ी है। देज़र्व (Dezerv) के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल के मुताबिक, “वैश्विक स्थिरता और घरेलू आर्थिक संकेतकों की मजबूती के कारण भारतीय बाजार अब अगली रैली के लिए बेहतर स्थिति में है।”

विदेशी निवेश और घरेलू संकेतकों से उम्मीद

बीते दो महीनों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में ₹31,200 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी की है। इसके साथ ही घरेलू स्तर पर महंगाई घटकर छह साल के न्यूनतम स्तर पर है, रुपया मज़बूत हुआ है, और टैक्स कलेक्शन में मजबूती दिख रही है। वैभव पोरवाल बताते हैं, “कम महंगाई, डॉलर की कमजोरी और सरकार की अच्छी टैक्स वसूली से बाजार को राहत मिली है।”

महंगाई में गिरावट के चलते अब माना जा रहा है कि रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) भविष्य में ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। इससे लोन से जुड़ी कंपनियों को राहत मिल सकती है। श्रीकांत चौहान कहते हैं, “अगर बाजार फिर से सपोर्ट लेवल तक आता है, तो निवेशकों को बैंकिंग, एनबीएफसी और कैपिटल मार्केट स्टॉक्स में एंट्री लेनी चाहिए।”

Mid और Small cap शेयरों को लेकर सतर्कता जरूरी

मिड और स्मॉल कैप शेयरों में कुछ कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद, इनका वैल्यूएशन अब भी चिंताजनक है। वैभव पोरवाल कहते हैं, “ब्रॉडर मार्केट अभी बहुत ज़्यादा उम्मीदों के साथ ट्रेड कर रहा है। अगर कंपनियों की कमाई उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, तो यहां निवेशकों को नुकसान हो सकता है।”

ALSO READ | LIC के पोर्टफोलियो में इजाफा: FII की वापसी और बाजार में तेजी से भारतीय जीवन बीमा निगम को बड़ा फायदा

हालांकि भारत-पाक तनाव फिलहाल थमा हुआ है, लेकिन पश्चिम एशिया में इज़राइल और ईरान के बीच संभावित टकराव की खबरें कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, अमेरिका की टैरिफ नीतियों में बार-बार बदलाव भी बाजार को अस्थिर बनाए हुए हैं। विश्लेषकों के अनुसार यह एक बड़ा अस्थिरता का स्रोत बना हुआ है।

निवेशकों के लिए रणनीति क्या हो?

निवेश सलाहकार वैभव पोरवाल का सुझाव है कि निवेशकों को 2 से 3 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स में निवेश कर स्थिर रिटर्न हासिल करना चाहिए। वे कहते हैं, “फिक्स्ड इनकम इस समय आकर्षक रिटर्न दे रहा है, और सोने को पोर्टफोलियो में 8-10% तक शामिल करना चाहिए,”। साथ ही वे इक्विटी में लार्ज-कैप स्टॉक्स पर फोकस बनाए रखने की सलाह देते हैं।

श्रीकांत चौहान का भी मानना है कि बाजार में गिरावट के समय अच्छी कंपनियों में निवेश करना समझदारी होगी। उन्होंने कहा, “इस समय निवेशकों को बड़ी बैंकों, फाइनेंशियल कंपनियों और पूंजी बाजार से जुड़े स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए,”

First Published : May 22, 2025 | 7:56 AM IST