Nomura ने भारतीय सीमेंट इंडस्ट्री पर अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की है और इसमें कुछ चौंकाने वाले बदलाव किए हैं। श्री सीमेंट, ACC और नुवोको जैसी बड़ी कंपनियों की रेटिंग घटा दी गई है, जबकि UltraTech, अंबुजा और रामको सीमेंट्स को लेकर पॉजिटिव नजरिया बरकरार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, श्री सीमेंट को अब ‘बाय’ से ‘न्यूट्रल’ कर दिया गया है, और इसका टारगेट प्राइस ₹28,000 तय किया गया है। ACC और नुवोको की रेटिंग ‘न्यूट्रल’ से घटाकर ‘रिड्यूस’ कर दी गई है। वहीं, UltraTech, अंबुजा और रामको सीमेंट्स के लिए ‘बाय’ रेटिंग को बनाए रखा गया है।
कंपनी का नाम | पुरानी रेटिंग | नई रेटिंग | टारगेट प्राइस |
श्री सीमेंट | BUY | न्यूट्रल | 28000 रुपये |
नुवोको | न्यूट्रल | रिड्यूस | 330 रुपये |
ACC | न्यूट्रल | रिड्यूस | 1920 रुपये |
डालमिया भारत | रिड्यूस | रिड्यूस | 1680 रुपये |
UltraTech | BUY | BUY | 12800 रुपये |
रामको सीमेंट्स | BUY | BUY | 1060 रुपये |
अंबुजा | BUY | BUY | 690 रुपये |
Nomura का कहना है कि भारतीय सीमेंट सेक्टर FY26 से फिर से रफ्तार पकड़ेगा। लेकिन FY25 में मांग थोड़ी सुस्त रह सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह है चुनावी साल के चलते नए प्रोजेक्ट्स की धीमी रफ्तार और सरकारी फंड रिलीज में देरी। हालांकि, FY26 में इन्फ्रास्ट्रक्चर और अफोर्डेबल हाउसिंग जैसे प्रोजेक्ट्स से मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
कीमतों की बात करें तो सीमेंट के दाम फिलहाल दबाव में हैं। FY25 की पहली छमाही में ये 8% तक गिर गए। Nomura का मानना है कि FY26 में भी बड़ी कीमत बढ़ोतरी की संभावना नहीं है, क्योंकि कंपनियां बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं करेंगी।
ईंधन लागत में गिरावट से सीमेंट कंपनियों को जरूर राहत मिली है। पेट कोक और थर्मल कोयले की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम हुई हैं, जिससे कंपनियों का मुनाफा थोड़ा बढ़ा है। UltraTech और अंबुजा जैसी कंपनियां लागत बचाने के लिए खास रणनीति पर काम कर रही हैं, जिससे उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।
तीसरी तिमाही में सीमेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ थोड़ी सुधरी है। रामको सीमेंट्स ने इस दौरान 20% की वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की, जो बाकी कंपनियों के मुकाबले सबसे बेहतर है। हालांकि, Nomura का कहना है कि FY26 के अंत तक ही इंडस्ट्री अपनी पूरी ताकत से वापसी कर पाएगी।
तो Nomura की रिपोर्ट साफ तौर पर संकेत देती है कि FY25 थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा, लेकिन FY26 भारतीय सीमेंट सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।