बजाज हाउसिंग फाइनैंस के हालिया आईपीओ ने इतिहास में सबसे ज्यादा बोली हासिल कर अपना ध्यान खींचा है। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक रिलायंस पावर के 2008 के आईपीओ के नाम अभी भी सबसे ज्यादा 7.2 लाख करोड़ रुपये की संचयी बोली का रिकॉर्ड है। हालांकि यह बताना आवश्यक है कि ये आंकड़े नोशनल थे क्योंकि क्यूआईबी को उस समय महज 10 फीसदी मार्जिन की रकम के साथ बोली की इजाजत थी। बाद में बराबरी का मौका उपलब्ध कराने और निष्पक्ष बोलियां सुनिश्चित करने के लिए नियामक ने इस तरीके को खत्म कर दिया।
बजाज हाउसिंग फाइनैंस के आईपीओ ने अप्रैल 2022 के बाद सबसे ऊंची वास्तविक बोली हासिल की है। उस समय आरबीआई ने आईपीओ फाइनैंसिंग के लिए 1 करोड़ रुपये की सीमा लगाई थी। लिहाजा, यह कामयाबी और अहम हो गई है। अभी बहुलांश आईपीओ निवेशकों को बोली के समर्थन के लिए अपने बैंक खाते में आवश्यक रकम रखनी पड़ती है ताकि यह सुनिश्चित हो कि आवेदन को वास्तविक पूंजी का समर्थन हासिल है।
इसके अलावा बजाज हाउसिंग फाइनैंस के आईपीओ को 89 लाख आवेदन (तकनीकी तौर पर खारिज किए जाने से पहले) मिले और इस तरह से उसने टाटा टेक्नोलॉजिज के 68 लाख आवेदन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
उधार वाली बोलियों पर आरबीआई की पाबंदी ने निवेशकों को अन्य वैकल्पिक रणनीति खोजने के लिए प्रेरित किया है। मसलन परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के बैंक खातों के जरिये आवेदन करना ताकि शेयर आवंटित होने की संभावना बढ़ जाए।