हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद शुरू हुई अप्रत्याशित बिकवाली के बीच फंड मैनेजरों ने संकट में फंसे अदाणी समूह के शेयर बेचे। फरवरी में देसी म्युचुअल फंडों की तरफ से सबसे ज्यादा बेचे गए लार्जकैप शेयरों में अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन का शेयर सबसे ऊपर रहा। अंबुजा सीमेंट्स और अदाणी एंटरप्राइजेज भी पांच बड़ी लार्जकैप कंपनियों में शामिल रही, जहां म्युचुअल फंडों की तरफ से सबसे ज्यादा बिकवाली हुई।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट की रिपोर्ट में कहा गया है, अदाणी पोर्ट्स में म्युचुअल फंडों का निवेश शेयरों के लिहाज से मासिक आधार पर 28 फीसदी घटा। इस निवेश की वैल्यू हालांकि 30 फीसदी से ज्यादा कम हुई है। अंबुजा सीमेंट्स और अदाणी एंटरप्राइजेज के मामले में म्युचुअल फंडों के पास रहे शेयरों में क्रमश: 19 फीसदी व 15 फीसदी की कमी दर्ज हुई है।
ब्रोकरेज के मुताबिक, अदाणी समूह में म्युचुअल फंडों के निवेश में फरवरी में हुआ बदलाव ऐक्विट पोर्टफोलियो में हुई तब्दीली का नतीजा है।
जनवरी के आखिर में क्वांट एमएफ का अदाणी समूह के शेयरों में सबसे ज्यादा नॉन-हेज्ड ऐक्टिव एक्सपोजर था और उसने अदाणी पोर्ट्स के 82 लाख शेयर बेचे, जो म्युचुअल फंडों की तरफ से की गई सबसे ज्यादा बिकवाली है। फरवरी के आखिर के फैक्टशीट के मुताबिक, उसने पिछले महीने अदाणी समूह की कंपनियों में किया गया पूरा निवेश बेच दिया।
फिस्डम की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में हिंडनबर्ग संकट से पहले अदाणी समूह में म्युचुअल फंडों का निवेश 0.64 फीसदी था। इसका एक हिस्सा यानी 0.18 फीसदी पैसिव फंडों के जरिए था, जहां फंड मैनेजरों के पास इंडेक्स में शामिल शेयरों में निवेश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। ऐक्टिव निवेश के एक हिस्से की हेजिंग म्युचुअल फंड आर्बिट्रेज रणनीति के इस्तेमाल के जरिए करते हैं।
फिस्डम रिपोर्ट बताती है कि कोटक एमएफ व एसबीआई एमएफ ने अदाणी समूह के अपने-अपने निवेश (31 दिसंबर, 2022 को 2-2 हजार करोड़ रुपये) के करीब 90 फीसदी हिस्से की हेजिंग की थी। क्वांट एमएफ के पास अदाणी समूह के सबसे ज्यादा बिना हेजिंग वाले ऐक्टिव निवेश थे, जो दिसंबर 2022 के आखिर में 1,276 करोड़ रुपये थे।
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आईसीआईसीआई डायरेक्ट के आंकड़े बताते हैं कि एसबीआई एमएफ और कोटक एमएफ अदाणी पोर्ट्स के सबसे ज्यादा शेयर बेचने वाले अहम फंड हाउस थे। उनका निवेश अब घटकर करीब 38-38 लाख शेयर रह गया है।
फरवरी में जिन लार्जकैप शेयरों की सबसे ज्यादा खरीदारी हुई उनमें इंटरग्लोब एविएशन, गेल, मैक्रोटेक डेवलपर्स, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एलटीआईमाइंडट्री, डाबर इंडिया, इन्फो ऐज, हैवेल्स इंडिया व हिंदुस्तान जिंक शामिल है।