अदाणी पावर ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में ₹3,305.13 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है, जो पिछले साल की इसी तिमाही के ₹3,912.79 करोड़ की तुलना में 15.5% कम है। कंपनी ने बताया कि यह गिरावट मुख्य रूप से कम मर्चेंट टैरिफ और हाल की अधिग्रहणों के कारण बढ़ी ऑपरेशनल लागत की वजह से हुई है। हालांकि, पिछली तिमाही (Q4 FY25) की तुलना में कंपनी का मुनाफा 27.2% बढ़ा है। Q4 FY25 में कंपनी का लाभ ₹2,599.23 करोड़ रहा था। इस बढ़त का कारण कंपनी ने वन-टाइम इनकम और लगातार अच्छा EBITDA बताया है।
Q1 FY26 में कंपनी की कुल आय ₹14,109.15 करोड़ रही, जो एक साल पहले की ₹14,955.63 करोड़ से 5.7% कम है। पिछली तिमाही की तुलना में रेवेन्यू थोड़ा घटा है। Q4 FY25 में ₹14,237.40 करोड़ रहा था।
EBITDA (ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमॉर्टाइजेशन से पहले की कमाई) Q1 FY26 में ₹5,744 करोड़ रहा, जो एक साल पहले ₹6,290 करोड़ था – यानी सालाना आधार पर गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, पिछली तिमाही से तुलना करें तो EBITDA में 12.7% की बढ़त दर्ज की गई है, जिसका कारण बढ़े हुए मर्चेंट टैरिफ और कम फ्यूल/ऑपरेटिंग कॉस्ट रहा।
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कंपनी ने कहा कि उसे बांग्लादेश से नियमित भुगतान मिल रहा है और पिछले दो महीनों में $500 मिलियन (करीब ₹4,100 करोड़) की राशि प्राप्त हुई है।
अदाणी पावर के CEO एसबी ख्यालिया ने कहा, “हम नई परियोजनाओं और अधिग्रहणों के ज़रिए अपनी क्षमता लगातार बढ़ा रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2030 तक 30 गीगावॉट क्षमता तक पहुंचना है। हमने कई ज़रूरी उपकरण जैसे अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल बॉयलर, टर्बाइन और जनरेटर पहले से ही मंगवा लिए हैं, ताकि हम कंपटीशन में आगे रहें।”
कंपनी के बोर्ड ने एक स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दी है, जो शेयरधारकों की मंजूरी के बाद लागू होगा। इस प्रस्ताव के तहत: ₹10 फेस वैल्यू वाला हर शेयर अब ₹2 फेस वैल्यू वाले 5 शेयरों में बांटा जाएगा। इसका मकसद कंपनी के शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ाना और रिटेल निवेशकों की भागीदारी को प्रमोट करना है, जिससे ज्यादा लोग कंपनी के शेयर खरीद सकें। स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट शेयरधारकों की मंजूरी के बाद तय की जाएगी।