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Active vs Passive Schemes: स्मॉलकैप फंडों ने बेंचमार्क को पछाड़ा, ऐक्टिव म्युचुअल फंडों का प्रदर्शन सुधरा

पिछले तीन महीने में ऐक्टिव स्मॉलकैप फंडों ने बीएसई स्मॉलकैप 250 टीआरआई को पीछे छोड़ा, मिडकैप और लार्जकैप फंडों ने भी दर्ज की बेहतर वृद्धि

Last Updated- June 10, 2024 | 10:54 PM IST
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Active vs Passive Schemes: ऐक्टिव इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं ने पिछले तीन महीने में अपने-अपने बेंचमार्क के मुकाबले अहम श्रेणियों में प्रदर्शन में सुधार दर्ज किया है। सभी ऐक्टिव स्मॉलकैप फंडों ने तीन महीने की अवधि में बीएसई स्मॉलकैप 250 टोटल रिटर्न इंडेक्स (टीआरआई) को मात दी है लेकिन उम्दा प्रदर्शन करने वाली मिडकैप और लार्जकैप योजनाओं की हिस्सेदारी क्रमश: 79 व 67 फीसदी रही है।

वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसाल बीएसई स्मॉलकैप 250 टीआरआई पिछले तीन महीने में महज 2 फीसदी चढ़ा है। बीएसई 150 मिडकैप टीआरआई (जो ज्यादातर ऐक्टिव मिडकैप योजनाओं के लिए मानक बेंचमार्क है) 11 फीसदी चढ़ा है। लार्जकैप इंडेक्स बीएसई 100 टीआरआई में इस दौरान 5.5 फीसदी का इजाफा हुआ है।

यह प्रदर्शन उस रुझान में बदलाव दिखाता है जो पिछले 12 से 18 महीने की अवधि में मिडकैप व स्मॉलकैप क्षेत्र में देखा गया। तब ज्यादातर योजनाएं अपने-अपने बेंचमार्क से पिछड़ रही थीं। पिछले तीन महीने में प्रदर्शन में सुधार के बावजूद करीब 75 फीसदी ऐक्टिव मिडकैप और स्मॉलकैप फंड अभी भी संबंधित बीएसई सूचकांकों से पीछे हैं।

लार्जकैप क्षेत्र (जहां अल्फा का सृजन ज्यादा चुनौतीपूर्ण माना जाता है) में ऐक्टिव फंड विगत के मुकाबले लगातार बेहतर प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। एक साल की अवधि में सिर्फ 28 फीसदी योजनाएं बीएसई 100 टीआरआई के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं।

ऐक्टिव फंडों का अपने-अपने बेंचमार्क के मुकाबले प्रदर्शन मोटे तौर पर इंडेक्स के बाहर के शेयरों में निवेश और बेंचमार्क के मुकाबले उसके सापेक्ष प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

First Published - June 10, 2024 | 10:54 PM IST

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