गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों में अगस्त में लगातार पांचवें महीने सकारात्मक निवेश दर्ज किया गया। इसमें निवेशकों ने 908 करोड़ रुपये लगाए और इस साल अब तक उनका निवेश 5,360 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस साल निवेश में हुई बढ़ोतरी की वजह सोने की कीमतों में आई तेजी है। साल के पहले आठ महीने में बहुमूल्य धातु में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। अगस्त में सोने की कीमतें अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर से नीचे आने के बावजूद इसमें निवेश देखने को मिला। दिलचस्प रूप से कैलेंडर वर्ष का पहला महीना अगस्त रहा जब सोने में निवेस का प्रतिफल नकारात्मक रहा।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, सोने की कीमतें अगस्त में सर्वोच्च स्तर से नीचे आई जबकि इस साल उसमें बिना अवरोध के तेजी देखने को मिली थी। इसने शायद निवेशकोंं को इस पीली धातु में प्रवेश का अच्छा मौका जे दिया।
देसी एमएफ कुल मिलाकर 11 गोल्ड ईटीएफ की पेशकश करते हैं। अगस्त में ऐसी योजनाओं की औसतन शुद्ध प्रबंधनाधीन परिसंपतित्तयां 13,418 करोड़ रुपये रही और यह जानकारी एम्फी से मिली। दिसंबर के आखिर में 11 गोल्ड ईटीएफ का संयुक्त एयूएम महज 5.516 करोड़ रुपये था।
श्रीवास्तव ने कहा, कोविड महामारी के कारण पैदा हुई आर्थिक अनिश्चितता से निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के तौर पर उसमें दांव लगाया। महामारी के कारण अहम अर्थव्यवस्था मंदी के दरवाजे पर है और सुरक्षित ठिकाने के तौर पर सोना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर उभरा और निवेशकों ने उसमें निवेश में तरजीह भी दी। इसके अतिरिक्त कोरोना के बढ़ते मामलों से तत्काल सुधार की उम्मीद पर संदेह गहराया, लिाहाज निवेशकों ने जोखिम वाली परिसंपत्तियों की हेजिंग के लिए सोने में अपनी परिसंपत्ति का एक हिस्सा लगाया।