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अनुसंधानकर्ताओं ने एक नया किफायती सेंसर (Sensor) ईजाद किया है जो मांस, मछली और शहद जैसे खाद्य पदार्थों के नमूनों में फॉर्मलिन (Formalin) सरीखे विषैले रसायनों (toxic chemicals) का पता लगा सकता है।
शिव नादर इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस दिल्ली-एनसीआर के दल ने निष्कर्ष निकाला है कि पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले तत्वों का पता लगाने वाला यह रासायनिक सेंसर किफायती, आसानी से विश्लेषण वाला और पानी में सरलता से घुलने वाला है। ‘केमकॉम’ पत्रिका में इसे ‘केमोसेंसर’ (chemosensor) नाम दिया गया है जिसमें 0.3 माइक्रो मोल तक के फॉर्मल्डिहाइड या फॉर्मलिन का पता लगाने की भी क्षमता है।
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भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) नियम, 2011 के अनुसार फॉर्मलिन का उपयोग खाद्य पदार्थों में करने की अनुमति नहीं है। हालांकि मांस और मछली जैसे खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए अक्सर इसका इस्तेमाल किया जाता है। शिव नादर इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस में सहायक प्रोफेसर अनुमेष सामंता ने कहा, ‘हमने फॉर्मल्डिहाइड का पता लगाने के लिए साधारण ऑप्टिकल पद्धति, विशेष रूप से फ्लोरेसीन का इस्तेमाल किया है।’