PTI
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को सभी दवा कंपनियों से कोविड के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं सहित सभी दवाओं के पर्याप्त भंडार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 1 जनवरी, 2023 से चीन, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारत आने से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर एक निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट अपलोड करनी होगी।
दवा कंपनियों के साथ हुई एक वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर नजर रखने और सक्रिय दवा सामग्री के साथ-साथ कोविड प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं के फॉर्म्यूलेशन के उत्पादन और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी करने का भी निर्देश दिया।
बैठक में मौजूद दवा उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि दवाओं की मांग में वृद्धि होने की स्थिति में तैयारी की समीक्षा के लिए मंत्री के साथ चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘उद्योग ने यह भी अनुरोध किया कि हमें कुछ प्रमुख दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए जैसा कि हमने पिछली बार महामारी के तेज चरण के दौरान किया था क्योंकि इससे भारत के दवा उद्योग की छवि को नुकसान पहुंचता है।’ उद्योग के अधिकारी ने कहा कि निर्यात आदि से जुड़े फैसले हितधारकों के सलाह-मशविरे के साथ लिया जाएगा। कुछ देशों में कोविड के बढ़ते मामलों के चलते, कोविड प्रबंधन के सिलसिले में दवाओं की उपलब्धता और आवश्यक दवाओं की उत्पादन क्षमता का जायजा लेने के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
राज्य किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए, ऑक्सीजन, ऐंबुलेंस, वेंटिलेटर की उपलब्धता जैसी अपनी तैयारी का जायजा ले रहे हैं। सरकारी अस्पतालों ने मंगलवार को कोविड मामलों में बढ़ोतरी की स्थिति को संभालने के लिए अपनी तैयारी का आकलन करने के लिए एक मॉक-ड्रिल कराया। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, फार्मा सचिव एस अपर्णा, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के अध्यक्ष कमलेश पंत, भारत के औषधि महानियंत्रक वी जी सोमानी मौजूद थे।
यह भी पढ़ें: Covid-19 Update: दिल्ली में बढ़ी प्रिकॉशन डोज लगवाने की रफ्तार
दवा उद्योग के प्रतिनिधियों में इंडियन फार्मास्यूटिकल्स अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन, इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विरंचि शाह, अकुम्स फार्मास्यूटिकल्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक संजीव जैन भी बैठक में शामिल हुए। करीब 80 प्रतिशत से अधिक वैश्विक मामले जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया, हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान सहित 10 देशों से हैं। भारत ने अपने हवाईअड्डों पर आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से दो प्रतिशत की रैंडम जांच करानी शुरू कर दी है।