पिछले कई वर्षों से निदान (Diagnostic) क्षेत्र में कीमतें स्थिर रही हैं। मगर स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े इस खंड में भी कीमतों में संशोधन हो सकता है। इसकी वजह यह है कि निदान क्षेत्र में नई कंपनियां, खासकर ऑनलाइन कंपनियां अब जांच आदि के बदले अधिक रकम लेने पर विचार कर रही हैं। इस देखते हुए इस खंड में पहले से मौजूद कंपनियां भी इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहती हैं।
डॉ. लाल पैथ लैब्स के प्रबंध निदेशक ओम मनचंदा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि निदान क्षेत्र की कंपनियां किसी न किसी तरह बढ़ी लागत से निपट रही थीं। उन्होंने कहा, ‘चूंकि, अब कोविड-19 खत्म हो गया है इसलिए अब व्यवसाय कोविड पूर्व स्तर पर लौट आया है। हालांकि, नियमित परीक्षणों की दरें बढ़ाना अभी भी मुश्किल है। हालांकि, कुछ विशेष जांच के लिए अब अधिक पैसे लिए जा रहे हैं।’
निदान क्षेत्र से जुड़े लोग इस बात से सहमत हैं कि अब कम से कम खर्च में जांच करने की होड़ खत्म हो गई है। मनचंदा कहते हैं, ‘बाजार में मजबूती आ चुकी है और समझदारी भी लौट आई है।’
बीएनपी परिबा के विश्लेषक श्रीराम राठी ने निदान क्षेत्र पर अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है, ‘नए जमाने की कुछ कंपनियों (हेल्थियंस, टाटा 1एमजी, आदि) ने प्रीवेंटिव पैकेज सहित विशेष नैदानिक परीक्षणों पर 20-30 फीसदी की कीमत में बढ़ोतरी की है। यह हमारे विचार के अनुरूप है कि कम दरों वाला कारोबारी ढांचा लंबे समय तक कायम नहीं रह सकता है।
कम पैसे लेकर जांच करने वाली कंपनियों से प्रतिस्पर्धा मौजूदा कंपनियों के लिए संरचनात्मक जोखिम नहीं है। बढ़ी लागत को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी के एक और चरण से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह डॉ. लाल पैथलैब्स और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर जैसे मौजूदा कंपनियों के लिए बढ़िया संकेत है।’
टाटा 1एमजी के सह संस्थापक गौरव अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि समय-समय पर मूल्य समायोजन हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘टाटा 1एमजी में लोगों को सस्ती कीमतों पर सेवाएं दी जा रही हैं। इस तरह समय पर इलाज करा कर उन्हें दीर्घकालिक बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।’
अग्रवाल ने कहा, ‘कुछ मूल्य समायोजन समय-समय पर हो सकते हैं, मगर हम गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते और अपने ग्राहकों के स्वास्थ्य हितों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। बाचार में बदलती परिस्थितियों के बीच कीमतों में संशोधन होते रहेंगे।’
अन्य ऑनलाइन निदान कंपनियों का भी कहना है कि वे अपनी कीमतों को ऑफलाइन कंपनियों के बराबर ला रही हैं। रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक धीरज जैन कहते हैं कि कोई एक कंपनी सस्ती दर पर सेवा नहीं दे सकती। वह कहते हैं, ‘हम देश भर में 73 लैब चला रहे हैं और एक राष्ट्रीय श्रृंखला हैं। छोटे शहरों में, वास्तव में, असंगठित खिलाड़ियों की तुलना में हमारी कीमतें 10-20 प्रतिशत अधिक हैं क्योंकि हम गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करते हैं।’
उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने कुछ खास तरह की जांच में डॉ लाल पैथलैब्स और एसआरएल जैसी कंपनियों में लिए जाने वाले शुल्क के बीच अंतर खत्म कर दिया है।