शिक्षा

Neet Exam: 1500 से ज्यादा छात्रों के कृपांक रद्द…सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया कठोर रुख

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक रद्द करने के फैसले को 'काफी उचित' बताया।

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संकेत कौल   
Last Updated- June 13, 2024 | 10:32 PM IST

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) परीक्षा को लेकर जारी विवाद के बीच केंद्र ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने एमबीबीएस/बीडीएस और अन्य आयुष पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा देने वाले 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए हैं। ऐसे अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देने या नष्ट हुए समय की क्षतिपूर्ति के लिए मिले कृपांकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया है।

दोबारा नीट का विकल्प चुनने वालों की परीक्षा 23 जून को होगी। इस बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है।

केंद्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि फैसले की जद में आने वाले छात्रों के कृपांक हटाकर उन्हें उनके वास्तविक अंकों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद उन्हें दोबारा नीट की परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। यदि वे दोबारा परीक्षा का विकल्प नहीं चुनते हैं तो 5 मई को आयोजित नीट परीक्षा में आए वास्तविक अंकों को ही उनका अंतिम परिणाम माना जाएगा।

एनटीए के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि दोबारा होने वाली परीक्षा का परिणाम भी 30 जून से पहले-पहले घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद 6 जुलाई से तय समय पर काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शीर्ष अदालत ने भी काउंसलिंग रोकने से इनकार कर दिया है।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक रद्द करने के फैसले को ‘काफी उचित’ बताया।

एडटेक फर्म ‘फीजिक्स वाला’ के मुख्य कार्यकारी अलख पांडे की ओर से पेश वकील जे साई दीपक (J Sai Deepak) ने कहा कि उन सभी छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाना चाहिए, जो समय नष्ट होने का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सके। पीठ ने यह कहते हुए अनुरोध ठुकरा दिया कि वह मामले का दायरा उन लोगों तक नहीं बढ़ा सकती जो अदालत नहीं पहुंचे हैं।

पीठ ने तीन याचिकाओं पर केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी किए और उन्हें लंबित याचिकाओं के साथ सम्बद्ध कर दिया। इसने कहा कि इन सभी याचिकाओं पर गर्मी की छुट्टियों के बाद 8 जुलाई को एक साथ विचार किया जाएगा।

अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन द्वारा दायर एक अन्य याचिका में पेपर लीक और अन्य कदाचार के आरोपों पर नीट-यूजी 2024 के परिणामों को वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई है। नीट-यूजी अभ्यर्थी जरीपिति कार्तिक द्वारा दायर तीसरी याचिका में परीक्षा के दौरान कथित रूप से समय बर्बाद होने के लिए कृपांक दिए जाने को चुनौती दी गई है।

यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण इसे 4 जून को ही घोषित कर दिया गया। एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिनमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही केंद्र के छह छात्र शामिल हैं।

दूसरी ओर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट-यूजी में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि इन दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी छात्र का नुकसान नहीं हो। एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं।

संसद सत्र में मुद्दा उठाएगी कांग्रेस

कांग्रेस ने नीट-यूजी में कथित धांधली की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग गुरुवार को फिर उठाई और कहा कि 24 जून से आरंभ हो रहे संसद के सत्र के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा। नेता गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच चाहती है, लेकिन अगर सरकार इसके लिए तैयार नहीं है तो फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए।

First Published : June 13, 2024 | 10:09 PM IST