बहु-सांस्कृतिक मूल्यों के साथ गुणवत्ता युक्त प्रबंधन शिक्षा देने के लिए मनीला का एशियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट (एआईएम) भारत में एक शिक्षा केंद्र खोलने की योजना बना रहा है।
इस संस्थान से उत्तीर्ण होने वाले करीब 35,000 छात्र भारत इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस में हैं। एआईएम में पूर्णकालिक प्रबंधन कार्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या 30 से 50 फीसदी के करीब है। वर्ष 2008 में एमबीए पाठयक्रम के दो बैचों में भारत के 160 छात्रों ने दाखिला लिया था।
संस्थान के निदेशक फ्रांसिस जी इस्ट्राडा ने बिानेस स्टैंडर्ड को दिए एक साक्षात्कार में बताया, ‘एआईएम केवल फिलीपींस के लिए नहीं है बल्कि यह एक एशियाई संस्थान है। हम राजधानी मनीला के बाहर भी कैंपस तैयार करने पर विचार कर रहे हैं और भारत में भी कैंपस खोलने की हमारी योजना है।’
एआईएम के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि भारत के कुछ कारोबारी घराने जो शिक्षा जगत में कदम रखना चाहते हैं और साथ ही कुछ मौजूदा प्रबंधन संस्थानों ने भी इस्ट्राडा के साथ भविष्य की संभावनाएं तलाशने के लिए संपर्क साधा है।
फिलहाल एक्जीक्यूटिव कार्यक्रमों के लिए एआईएम ने जेवियर इंस्टीटयूट ऑफ लेबर रिलेशंस के साथ गठजोड़ किया है।
शोध और शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षक उपलब्ध कराने के अलावा एआईएम प्रबंधन पाठयक्रमों के लिए केस तकनीक उपलब्ध कराने में भी एक्सएलआरआई का सहयोग कर रहा है।
इस्ट्राडा ने कहा, ‘साझेदारी के जरिए ही आगे बढ़ा जा सकता है। हमनें पश्चिमी प्रबंधन शिक्षा से काफी कुछ सीखा है जैसे पारिवारिक कारोबार, इस्लामिक वित्त और प्रबंधन और आधारभूत परियोजनाओं के लिए निजी सार्वजनिक साझेदारी।
इन सभी के लिए हमें खास प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन करना पड़ेगा। हमें ऐसे प्रशिक्षक तैयार करने होंगे जो बहु सांस्कृतिक माहौल में ढल सकें और बेहतर तरीके से काम कर सकें।’