भारतीय रेल अपने यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध रहने के साथ ही अपनी आय को लेकर भी गंभीर रहता है। बता दें कि भारतीय रेल की आय का स्त्रोत सिर्फ माल ढुलाई और यात्री किराया ही नहीं है, बल्कि और भी कई माध्यम है जैसे स्क्रैप यानी कबाड़।
जी हां, भारतीय रेल कबाड़ की बिक्री से हर साल काफी मोटी रकम अर्जित करता है। इस साल पश्चिम रेलवे (Western Railway) जोन ने कबाड़ बेचकर 250 करोड़ की आय अर्जित की है।
इस बात की जानकारी पश्चिम रेलवे ने एक प्रेस रिलीज में दी है।
बता दें कि पश्चिम रेलवे "मिशन जीरो स्क्रैप" के अंतर्गत स्क्रैप मुक्त बनाने में प्रतिबद्ध रही है। इसी मिशन के कारण ही पश्चिम रेलवे ने यह उपलब्धि हासिल की है।
250 करोड़ का कबाड़ बेचकर पश्चिम रेलवे भारतीय रेल का पहला ऐसा जोन बन गया है जिसने स्क्रैप बिक्री से इतनी बड़ी रकम कमाई है।
बता दें कि यह उत्कृष्ट उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (प्रभारी) प्रकाश बुटानी के ऊर्जावान एवं कुशल नेतृत्व और पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक अरुण मेहता और उनकी टीम द्वारा निरंतर निगरानी के कारण संभव हो पाई है।
आपको बता दें कि ये उपलब्धि पिछले वर्ष की तुलना में 38 फीसदी ज्यादा है। बीते साल पश्चिम रेलवे ने कबाड़ से 181.27 करोड़ रुपये की बिक्री की थी।