भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर ने कहा है कि वह श्रम के बेहतर मानकों जैसे सुधारों की वकालत करेंगे। उनका कहना है कि इससे भारत के बाजार अधिक सुलभ बनेंगे और अमेरिकी कंपनियां एक समान अवसर के साथ काम कर सकेंगी।
नियुक्ति की पुष्टि की सीनेट में सुनवाई के दौरान गोर ने एक लिखित बयान में कहा, ‘अगर मेरी नियुक्ति की पुष्टि की जाती है तो मैं निष्पक्ष, पारस्परिक और अमेरिकी श्रमिकों एवं व्यवसायों के लिए लाभकारी व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा। मैं सुधारों की वकालत करूंगा, जिससे भारत के बाजार तक पहुंच बेहतर हो सके और पारदर्शिता आए। साथ ही श्रम मानक उच्च हों। इससे अमेरिका की कंपनियां काम करने के एक समान अवसर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी। मैं राष्ट्रपति ट्रंप की मिशन 500 के लक्ष्य पर काम करूंगा, जिसके तहत द्विपक्षीय कारोबार 2030 तक दोगुना करके 500 करोड़ डॉलर किए जाने का लक्ष्य है। इससे अमेरिकी निर्यात को विस्तार मिलेगा, रोजगार का सृजन होगा और हमारे नागरिकों में समृद्धि आएगी।’
भारत ने इसके पहले विकसित देशों के उच्च श्रम मानकों के अभियान का विरोध किया है, क्योंकि इससे खासकर श्रम केंद्रित उद्योगों में कारोबार की लागत बढ़ेगी और इससे प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है। गोर ने कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसकी दिशा और दशा का असर पूरे इलाके पर पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘भारत की 1.4 अरब से ज्यादा की आबादी और तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग, अमेरिकी व्यवसायों के लिए अपार अवसर प्रदान करता है। आर्टीफिशल इंटेलिजेंस से लेकर दवाइयों और महत्त्वपूर्ण खनिजों तक, सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। हालांकि भारत की संरक्षणवादी नीतियों और नियामक बाधाओं के कारण साझेदारी को पूरी तरह व्यापक होने में व्यवधान डाला है।’
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता इसलिए अटक गई, क्योंकि भारत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील कृषि और डेरी क्षेत्र के लिए अपना बाजार खोलने से मना कर दिया। इसके अलावा अमेरिका द्वारा शुल्क लगाए जाने से भी तनाव बढ़ा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में तनाव कम करने के संकेत दिए थे, जिनमें लंबित मसलों का समाधान और जल्द व्यापार समझौता होने की उम्मीद जताई गई थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अमेरिका के साथ भारत की व्यापार वार्ता अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और दोनों देश नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।