प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड महामारी की दूसरी लहर में उपजे हालात से निपटने को लेकर शुक्रवार को मंत्रिपरिषद में चर्चा की। देश में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बाद यह मंत्रिपरिषद की यह पहली बैठक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रियों से संबंधित क्षेत्रों की जनता के संपर्क में बने रहने, लोगों की मदद करने और उनकी राय लेते रहने को कहा। उन्होंने समस्याओं को स्थानीय स्तर पर ही जल्द चिह्नित करने और उनका निपटारा करने की जरूरत पर बल देते हुए बैठक में कहा, ‘हालात से निपटने के लिए सरकार के सभी अंग एकजुट एवं तेजी से काम कर रहे हैं।’
मंत्रिपरिषद ने मौजूदा संकट को सदी में एक बार घटित होने वाली आपदा बताते हुए कहा कि इसने पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती पेश की है। बैठक खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने जारी बयान में कहा कि पिछले 14 महीनों में केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों और जनता के प्रयासों की समीक्षा की गई।
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर से पैदा हुए हालात पर चर्चा के लिए इस बैठक का डिजिटल आयोजन हुआ। मंत्रियों को अस्पतालों में बिस्तरों एवं ऑक्सीजन सुविधाओं की संख्या बढ़ाने और जरूरी दवाओं की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। पीएमओ के बयान के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर तबके की मदद के लिए मुफ्त अनाज और जनधन खाता धारकों को आर्थिक मदद देने पर भी बैठक में चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि टीकों के कई और दावेदार मंजूरी के विभिन्न चरणों की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
मंत्रिपरिषद ने कोविड अनुकूल आचरण- मास्क पहनने, छह फीट की भौतिक दूरी का पालन करने और नियमित रूप से हाथ धुलने के महत्त्व को भी रेखांकित किया। समाज की भागीदारी को रेखांकित करते हुए मंत्रियों ने भरोसा जताया कि देश एकजुट होकर इस महामारी को हराएगा।
बैठक में नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कोविड-19 प्रबंधन पर एक प्रस्तुति दी। उनके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया ने मंत्रिपरिषद सहयोगियों को ऑक्सीजन और दवा की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी। हालात पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक कर चुके हैं। वह दवा उद्योग से जुड़े अग्रणी लोगों, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों और अन्य प्रमुख लोगों से भी महामारी से निपटने को लेकर बैठकें कर चुके हैं।
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को अपनी प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि अप्रैल में रोजोना होने वाली मौतों का आंकड़ा 3,498 तक जा पहुंचा है जबकि सितंबर में यह 1,290 रहा था। इसी तरह प्रतिदिन सामने आने वाले नए संक्रमण मामले भी 3.86 लाख हो चुके हैं।
वहीं गृह मंत्रालय ने ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के मुद्दे पर कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की ज्यादा मांग पश्चिमी एवं मध्य भारत में सामने आ रही है जबकि इसका उत्पादन पूर्वी भारत में ज्यादा है। ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन की त्वरित आपूर्ति के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित क्षेत्रों के साथ मिलकर कदम उठाए जा रहे हैं।