भारतीय रेलवे इस समय कोविड-19 के पहले की क्षमता की तुलना में 69 प्रतिशत रेलगाडिय़ां चला रहा है। इससे पता चलता है कि मांग बढ़ी है और तमाम लोग शहरों में लॉकडाउन बढऩे से बचने के लिए अपने गृह जनपद की ओर जा रहे हैं।
रेल मंत्रालय की प्रस्तुति से पता चलता है कि गोरखपुर, पटना, दरभंगा, वाराणसी, गुवाहाटी, मडुआडीह, बरौनी, प्रयागराज, बोकारो, रांची, लखनऊ, कोलकाता और भागलपुर जैसे केंद्रों से ज्यादा मांग के कारण 140 अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
कुल मिलाकर रोजाना औसतन 7,824 ट्रेनें चल रही हैं। कोविड के पहले का औसत 11,283 ट्रेन रोजाना चलने का था।
उपनगरीय ट्रेनों की सबसे ज्यादा मांग बढ़ी है। इस समय 5,387 ऐसी ट्रेन चलाई जा रही हैं, जबकि कोविड के पहले 5,881 ट्रेन चलती थीं। सबसे कम बहाली पैसेंजर ट्रेनों की हुई है, जो कोविड के पहले की तुलना में महज 26 प्रतिशत चल रही हैं। इस समय 947 पैसेंजर ट्रेन चल रही हैं, जबकि कोरोना के पहले का इनका रोजाना का औसत 3,634 था। ये पैसेंजर ट्रेनें बड़े जंक् शन और छोटे स्टेशनों के बीच लिंक का काम करती हैें, जो सामान्यतया अनारक्षित होती हैं और रोजाना के यात्री भी इससे यात्रा करते हैं।
कोविड-19 प्रोटोकॉल और ट्रेनों की आवाजाही के बारे में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने कहा, ‘अब तक किसी भी राज्य ने हमसे ट्रेन सेवा रोकने को नहीं कहा है। रेलवे यात्रियों के तापमान की जांच कर रहा है और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन न करने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।’
शर्मा ने कहा कि कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए मंत्रालय ने जनरल कोच न लगाने का फैसला किया है, जिसमें अनारक्षित यात्री यात्रा करते हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिसका टिकट कन्फर्म हो, वही यात्रा करें। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रेलवे ट्रेनों की किसी भी अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
कोविड के उपचार के लिए कोच तैयार रखने के बारे में शर्मा ने कहा, ‘हमारे पास करीब 4,000 कोच तैयार हैं। ये कोच देश के करीब 220 स्थलों पर हैं। अब तक इस तरह की मांग महाराष्ट्र के नंदरबार जिले से आई है, जहां पहले ही 20 कोच लगाए जा चुके हैं। इन कोचों का इस्तेमाल राज्य सरकार अपने मरीजों के लिए कर रही है।’ मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के एक कोच में 16 सीट होती है। नंदरबार में ऐसे 90 कोच की मांग हुई है।