भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गुरुवार को मोबाइल और फिक्स्ड लाइन सेवा दोनों ही श्रेणियों में ब्रॉडबैंड की स्पीड परिभाषित करने से आम लोगोंं की राय मांगी है। साथ ही नियामक ने स्पीड बढ़ाने के तरीकों को लेकर भी सुझाव मांगे हैं।
ट्राई का परामर्श पत्र दूरसंचार विभाग (डीओटी) के अनुरोध के बाद आया है, जिसमें नैशनल डिजिटल कम्युनिकेशंस पॉॉलिसी (एनडीसीपी) 2018 के तहत देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ाने के कदमों के बारे में कहा गया था।
अपने परामर्श पत्र में ट्राई ने कहा है, ‘ऐसा लगता है कि डीओटी प्राधिकरण की सिफारिशें चाहता है, जिसमें फिक्स्ड और मोबाइल ब्राडबैंड, बुनियादी ढांचे के सृजन के नवोन्मेषी तरीकों ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने और ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ाने के तरीके सुझाए गए हों।’ नियामक ने इस पर प्रतिक्रिया के लिए 21 सितंबर अंतिम तिथि तय की है और जवाबी प्रतिक्रिया के लिए 5 अक्टूबर अंतिम तिथि है। एनडीसीपी 2018 में हर नागरिक को 50 मेगाबिट प्रति सेकंड (एमबीपीएस) की सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, , सभी ग्रामपंचायतों को एक जीबीपीएस कनेक्टिविटी 2020 तक और 10 जीबीपीएस की कनेक्टिविटी 2022 तक मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। नीति में मांग पर सभी प्रमुख विकास संस्थानों को 100 एमबीपीएस ब्रॉडबैंड, 2020 तक 50 लाख और 2022 तक 1 करोड़ सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट मुहैया कराने का लक्ष्य है।