देश भर में शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों के साथ साझेदारी में विकसित कर संवारा जाएगा। आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए प्रमुख स्थलों के होटलों को एक विशिष्ट सूची में शामिल किया जाएगा, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता और विकास के लिए बेहतर समर्थन मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश बजट में पर्यटन को रोजगार सृजन का एक महत्त्वपूर्ण साधन बताया और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कौशल विकास तथा यात्रा को आसान बनाने के उद्देश्य से कई पहल की पेशकश की। अपना आठवां लगातार केंद्रीय बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार मुद्रा ऋण देकर ‘होमस्टे’ (ठहरने के लिए घर जैसा स्थान) को बढ़ावा देगी और यात्रियों के लिए पहुंच बढ़ाने के वास्ते पर्यटन स्थलों तक संपर्क में सुधार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार चुनिंदा पर्यटक समूहों के लिए सुव्यवस्थित ई-वीजा सुविधाएं और वीजा शुल्क में छूट भी शुरू करेगी, ताकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को बजट में 2,534.93 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह बजट अनुमान 2479.62 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा है। पिछले साल के संशोधित अनुमान 850.36 करोड़ रुपये का था। सीतारमण ने कहा, ‘हम आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों सहित अपने युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करके रोजगार आधारित विकास को सुविधाजनक बनाएंगे।’ वित्त मंत्री ने कहा कि जो राज्य पर्यटन स्थलों की बेहतर देखभाल करेंगे उन्हें प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन मिलेगा। सीतारमण ने कहा कि सरकार गौतम बुद्ध से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं, उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े स्थलों के लिए विशेष पहल पर ध्यान देगी। ‘हील इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत चिकित्सा पर्यटन को भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी, क्षमता निर्माण और वीजा मानदंडों में ढील के माध्यम से बढ़ावा मिलेगा।