ब्लैकबेरी सेवाओं के संबंध में उठे सुरक्षा विवादों के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों ने आगाह किया कि यदि प्रभावी कंटेंट निगरानी तंत्र न हो तो राष्ट्रविरोधी तत्वों के लिए इस प्रौद्योगिकी का उपयोग आसान हो जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक रपट सौंपी है जिसमें कहा गया है कि कुछ आतंकवादी संगठन और हवाला कंपनियां इस नई तकनीक का दुरूपयोग कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने पहले ही दूरसंचार कंपनियों से कहा है कि वे ब्लैकबेरी के जरिए भेजे गए कंटेंट की निगरानी करे या फिर सेवा बंद कर दे क्योंकि इससे सुरक्षा में सेंध लग रही है।
भारतीय दूरसंचार बाजार में प्रवेश के बाद कंपनी से एक तंत्र पेश करने को कहा गया था ताकि सुरक्षा एजेंसियां उपकरण द्वारा भेजे गए आंकड़ों को कानूनी तौर पर खुफिया तरीके से इकट्ठा कर सकें। हालांकि राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने सबसे पहले ब्लैकबेरी के आंकड़ों की निगरानी में मुश्किल जाहिर की थी। आंकड़ों की पैकेजिंग कूट रूप में किए जाने के कारण कंटेट को समझा नहीं जा सकता।