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पहली बार ठीक हुए लोगों की तादाद बढ़ी

Last Updated- December 12, 2022 | 4:56 AM IST

कोविड-19 की भीषण मार से परेशान देश को कुछ राहत जरूर मिली है। कम से कम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े यही बताते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि दो महीने बाद पहली बार किसी एक दिन कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए लोगों की तादाद संक्रमण के प्रतिदिन आने वाले आंकड़ों से अधिक हो गई। मंगलवार को 3,56,082 लोग संक्रमण से उबरे जबकि इसके मुकाबले नए मामलों की संख्या 3,29,942 तक सीमित रही। इस तरह, मंगलवार को देश में कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों में 30,016 की कमी आई। दो महीनों के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जो राहत की बात मानी जा सकती है। मंत्रालय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के 16 राज्यों में कोविड-19 के मामलों में लगातार तेजी आ रही है, जबकि पिछले दो हफ्तों में18 राज्यों में मामले कम होने शुरू हुए हैं या कम से कम इसके संकेत मिलने लगे हैं।
27 अप्रैल से 11 मई के बीच नए मामलों की संख्या हिमाचल प्रदेश, पुदुच्चेरी, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू कश्मीर और गोवा में लगभग दोगुनी हो गई। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित सहित पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब में पिछले दो सप्ताहों के दौरान कोविड-19 संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
हालांकि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना और गुजरात में मामलों में कमी जरूर आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के अनुसार पिछले दो हफ्तों में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में संक्रमण के मामले कम होकर आधे रहे गए हैं। महाराष्ट्र के पुणे, नागपुर, नाशिक और पालघर में भी संक्रमण का प्रकोप कम हुआ है। केरल के एर्णाकुलम और मल्लपुरम, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, कर्नाटक में बेंगलूरु शहरी क्षेत्र और मैसूरु में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जो चिंता का विषय हैं। देश में ऐसे 533 जिले हैं जहां लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 10 प्रतिशत से अधिक है और इनमें ज्यादातर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट, तमिलनाडु और बिहार में हैं। देश के 26 राज्यों में लोगों के संक्रमित होने की दर 15 प्रतिशत से अधिक है और गोवा इस मामले में 49 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है। इसके बाद पुदुच्चेरी का नाम है जहां संक्रमण दर 43 प्रतिशत है। केवल चार राज्यों में यह दर 5 प्रतिशत से कम है। देश में लोगों के संक्रमित होने की दर 21 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के इस्तेमाल को तर्कसंगत बनाने के लिए हाल में अपने दिशानिर्देशों में संशोधन किए थे। देश में आरटी-पीसीआर जांच की मांग अधिक है, लेकिन इसके किट की उपलब्ध पर्यात नहीं है।  आईसीएमआर ने कहा कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों की तुलना से पता चलता है कि संक्रमित होने वलो मरीजों की उम्र में बहुत अंतर नहीं है और 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए संक्रमण का खतरा अधिक बना हुआ है। इस महामारी से होने वाली मृत्यु दर भी दोनों लहरों में 9.6 से 9.7 प्रतिशत के बीच रही है। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘युवा लोग इसलिए संक्रमण की चपेट में अधिक आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने अचानक घरों से निकलना शुरू कर दिया था। कोविड-19 के ऐसे स्वरूप भी हैं जो शायद युवा लोगों को अपनी चपेट में ले रहे होंगे।’
ऑक्सीजन आपूर्ति में तेजी
गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीजन की आपूर्ति तेजी से बढ़ी है। मार्च में 1,320 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही थी, जो 9 मई तक बढ़कर 8,943 टन हो गई। ऑक्सीजन का भंडारण करने वाले क्रायोजेनिक टैंकों की संख्या भी अस्पतालों में बढ़कर 900 हो गई है, जबकि मार्च में इनकी संख्या महज 600 थी। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इसी अवधि के दौरार ऑक्सीजन सिलिंडरों की तादाद भी तीन गुना बढ़ी है।

First Published - May 11, 2021 | 10:52 PM IST

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