दिल्ली स्थित देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे ने 3 अक्टूबर को एक नई उपलब्धि हासिल की, जब उसने 1.25 लाख घरेलू व अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सेवाएं दीं। मार्च के अंत में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद यह एक दिन में हवाई यात्रियों का सर्वोच्च स्तर है। अगर सिर्फ घरेलू यात्रियों की संख्या देखें तो यह भी दूसरी लहर के बाद 3 अक्टूबर को एक दिन की रिकॉर्ड संख्या 1,07,300 है।
हालांकि इन आंकड़ोंं को सावधानीपूर्वक देखे जाने की जरूरत है। उड़ानों और यात्रियों की आवाजाही में बढ़ोतरी के बावजूद, खासकर घरेलू क्षेत्र में, अभी भी यात्रियों की संख्या कोविड-19 के पहले के स्तर पर नहीं पहुंची है। उदाहरण के लिए फरवरी, 2020 में घरेलू यात्रियों की रोजाना की संख्या को देखें, तो यह 1,54,155 थी, जिसे एयरपोर्ट द्वारा कोविड के पहले के रोजाना यात्रियों की संख्या के मानक के रूप में लिया गया है। इस तरह से देखें तो 3 अक्टूबर का मौजूदा सर्वोच्च स्तर कोविड के पहले की जादुई संख्या का महज 70 प्रतिशत है। अगर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों यात्रियों की संख्या पर विचार किया जाए तब कोविड-19 के पहले की संख्या व मौजूदा संख्या के बीच अंतर और ज्यादा है। फरवरी, 2020 मेंं दिल्ली हवाईअड्डे से 2,07,659 यात्रियों (अंतरराष्ट्रीय यात्री रोजाना 52,540 थे) ने यात्रा की थी। 3 अक्टूबर का मौजूदा उच्चतम स्तर कोविड 19 के पहले के यात्रियों की संख्या का महज 60 प्रतिशत है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कम संख्या को स्वाभाविक रूप से समझा जा सकता है, क्योंकि विभिन्न देश अभी भी सावधानी बरत रहे हैं और वह प्रतिबंधों के साथ अपने दरवाजे खोल रहे हैं। ऐसे में 3 अक्टूबर को यात्रियों की संख्या कोविड-19 के पहले के स्तर की तुलना में एक तिहाई है।
सरकार द्वारा क्षमता तय किए जाने में ढील देने के बावजूद घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर हवाई यातायात की आवाजाही (एटीएम) इस समय औसतन 860 प्रतिदिन है। यह अभी कोविड-19 के पहले के स्तर (1338) का 73 प्रतिशत है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि दूसरी लहर के असर से हवाईअड्डे उबरने लगे हैं और यात्रियोंं की संख्या सर्वोच्च स्तर के निकट पहुंच रही है।