केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सहकारी समितियों, एफपीओ, स्टार्टअप को सस्ती दरों पर 10,000 करोड़ रुपये कर्ज देने की योजना बनाई है। यह केंद्र की 1,00,000 करोड़ रुपये के भंडारण व प्रॉसेसिंग बुनियादी ढांचे के महत्त्वाकांक्षी कोष का हिस्सा होगा। इस योजना के तहत उद्यमियों को 2 करोड़ रुपये तक का कर्ज 3 प्रतिशत ब्याज छूट पर 7 साल के लिए मुहैया कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज यह फैसला किया है। इस कर्ज के पुनर्भुगतान पर छूट होगी, जो 6 महीने से 2 साल तक हो सकती है।
इस कोष को कृषि बुनियादी ढांचा कोष नाम दियागया है, जो मई में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है।
इस कोष के साथ तीन अध्यादेशों, कृषि विपणन को मुक्त करने, आवश्यक जिंस अधिनियम में संशोधन और ठेके पर खेती के ढांचे, का मकसद निजी कंपनियों व फर्मों के लिए बेहतर माहौल बनाना है, जिससे कि उन्हें भंडारण और गोदाम में निवेश को प्रोत्साहन मिल सके।
कृषि बुनियादी ढांचा कोष के तहत दूसरे साल यानी 2021-22 से सरकार 30,000 करोड़ रुपये कर्ज अगले 3 साल तक देगी।