टीका लगवाने वालों का चयन तेजी से

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:42 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के पहले चरण की शुरुआत करने जा रहे हैं और राज्यों ने भी अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के सर्वेक्षण का काम पूरा करने में तेजी दिखाई है जिसकी आखिरी समयसीमा केंद्र ने 25 जनवरी तय की है। इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों से संकेत मिला है कि 50 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिन्हें और भी बीमारियां हैं उनके टीकाकरण में लगभग पांच महीने लग सकते हैं। इससे पहले ये टीके आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
कोविड टीके के अभियान के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को शुरू में टीका लगाया जा रहा है जिसके बाद पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक कर्मचारियों सहित अन्य अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाएगा। बाद में टीका लगाने के दूसरे चरण में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों के साथ-साथ 50 साल से कम उम्र के उन लोगों का भी टीकाकरण किया जाएगा जिन्हें दूसरी बीमारियां भी हैं।
केंद्र द्वारा तय समय-सीमा के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मियों की गणना के लिए सर्वेक्षण काफी हद तक 12 जनवरी तक पूरा कर लिया गया था। हालांकि, अब राज्य न केवल तेजी से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की गणना के लिए सर्वेक्षण कर रहे हैं बल्कि टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण के लिए केंद्र से निर्देशों का भी इंतजार कर रहे हैं।
गुजरात के शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में से एक में मौजूद चिकित्सा अधिकारी ने कहा, ‘हम टीका लेने वालों का सर्वेक्षण करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों को सूचीबद्ध करना अपेक्षाकृत आसान था, हालांकि सर्वेक्षण अंतिम दिन तक चला। लेकिन अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की गणना के लिए सर्वेक्षण करना और उसके साथ-साथ दूसरे चरण के लिए सर्वेक्षण करना मुश्किल है। कुछ छोटे केंद्रों पर सीमित कर्मचारियों के साथ हम समयसीमा को पूरा करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।’
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्यों को भी केंद्र से दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान को लेकर निर्देशों का इंतजार है। गुजरात के एक अधिकारी ने कहा, ‘दूसरे चरण में जिन लोगों को टीका लगाया जाना है, उसके लिए सर्वेक्षण कई स्थानों पर शुरू हो गए हैं हालांकि हमें अभी तक इस पर केंद्र से दिशानिर्देश नहीं मिले हैं। रोजाना 100 लोगों को टीका लगाया जाना है ऐसे में यह एक मुश्किल काम होगा और जितनी जल्दी दिशानिर्देश मिलेंगे उतना ही बेहतर होगा।’
कुल मिलाकर, गुजरात में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं सहित 10 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया जाएगा। कुछ जगहों पर घर-घर सर्वेक्षण अभी भी चल रहा है और मोटे तौर पर 50 साल से अधिक उम्र के 1 करोड़ लोगों और 50 साल से कम उम्र के उन 275,000 लोगों की पहचान टीका देने के लिए की गई है जिन्हें दूसरी बीमारियां भी हैं।
महाराष्ट्र में लगभग 780,000 स्वास्थ्य कर्मियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मी शामिल हैं। इसके अलावा करीब 290,000 अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं ने भी पंजीकरण कराया है। राज्य को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ  इंडिया द्वारा तैयार किए गए कोविशील्ड टीके की 960,000 खुराकें और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की केवल 20,000 खुराक ही मिली है। राज्य अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों की सूची भी तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लाभार्थियों को टीका लगाने में कम से कम पांच महीने का समय लगने की संभावना है जिनमें स्वास्थ्य सेवा कर्मी, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग शामिल हैं।
राजस्थान में टीकाकरण कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे लक्ष्मण सिंह ओला के अनुसार अब तक 487,000 स्वास्थ्यकर्मियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है और वे टीका लगाने के लिए तैयार हैं । ओला ने कहा, ‘अन्य चरणों के लिए सर्वेक्षण चल रहा है और हम इस पर केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।’
शनिवार 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले शुक्रवार को भी राज्यों ने आखिरी वक्त में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इससे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी कोविड-19 टीकाकरण के लिए सावधानियां बरतने की बातें साझा की थीं। इनमें कोविड-19 और अन्य टीकों के बीच कम से कम 14 दिनों के अंतराल रखने और 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण करने की बात शामिल थी। मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि कोविड टीके की अदला-बदली नहीं होनी चाहिए और दूसरी खुराक भी उसी निर्माता कंपनी की होनी चाहिए। टीकाकरण की प्रक्रिया के तहत एक दूसरी बूस्टर खुराक भी शामिल है जिसे 28 दिनों के बाद देने की बात शामिल है।
इसके अलावा यह भी सलाह दी गई कि जिन्हें टीका लगाया जा रहा हो उनको पहले एनाफ ाइलैक्टिक या एलर्जी की शिकायत नहीं होनी चाहिए, ऐसे लोगों को टीका लगाने से बचना होगा। इसके अलावा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ कोविड.19 संक्रमण के लक्षण वाले लोगों को भी टीकाकरण में शामिल नहीं करने की बात की गई है।

First Published : January 15, 2021 | 10:49 PM IST