दिल्ली में एक, महाराष्ट्र में 7 और राजस्थान में 9 ओमीक्रोन के मामले आने के बाद देश भर के राज्यों में चिंता है। इसके साथ ही देश में ओमीक्रोन के संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 21 हो गई है। जयपुर में 9 लोगों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है। इनमें से 4 लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे हैं और 5 संपर्क में आए उनके रिश्तेदार हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि राहत की बात यह है कि अब देश की 50 फीसदी से ज्यादा वयस्क आबादी का पूरा टीकाकरण हो गया है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘यह अत्यंत गौरव का क्षण है क्योंकि देश की 50 फीसदी से अधिक पात्र आबादी का अब पूरा टीकाकरण हो गया है। हम सब मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे।’
दिल्ली में कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का पहला मामला रविवार को आया। संक्रमित को लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में पृथकवास में रखा गया है, जहां इस समय एक दर्जन से अधिक संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है। कुछ राज्य ओमीक्रोन के संदिग्ध मामलों के लिए अस्पताल निर्धारित कर रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
लोकनायक अस्पताल के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने कहा, ‘सभी मामलों में मामूली लक्षण हैं। हम इन मामलों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। हमें राज्य सरकार ने जरूरत पडऩे पर क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार रहने को सचेत किया है।’
इस समय एलएनजेपी अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 470 बेड हैं। कोविड के नए स्वरूप को लेकर ज्यादा एहतियात की जरूरत है, इसलिए यह अस्पताल कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि अभी ओमीक्रोन के लिए कोई विशेष वार्ड नहीं बनाया गया है।
अभी तक कोरोना संक्रमण के 17 मामले पाए गए हैं। इन सभी मरीजों और उनके संपर्क में आने वाले 6 लोगों को को लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिन्हें अस्पताल के पृथकवास वार्ड में रखा गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘हमने लोकनायक अस्पताल में 40 पृथकवास वार्ड बनाए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त 500 बेड तैयार हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आती हैं, इसलिए दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा खतरा है।
क्या राज्य ओमीक्रोन के संदिग्ध मामलों के लिए कोविड वार्डों में अतिरिक्त वार्ड बनाने की योजना बना रहे हैं? फोर्टिस हॉस्पिटल्स मुंबई के निदेशक (गंभीर इलाज) और राष्ट्रीय कोविड19 कार्यदल के सदस्य राहुल पंडित ने कहा, ‘यह न व्यावहारिक है और न ही आवश्यक। यह जानने के लिए हर कोविड संक्रमित मरीज की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं की जा सकती कि उसे किस स्वरूप ने संक्रमित किया है। इन मरीजों को अलग रखने की कोई जरूरत नहीं है।’ विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में ओमीक्रोन की स्थिति इस साल के आखिर तक या करीब तीन से चार सप्ताह में साफ होगी। महाराष्ट्र में आज ओमीक्रोन के सात नए मामले आए हैं, जिनमें से 6 पिंपरी-चिंचवाड़ और एक पुणे में आया है। मुंबई में नगर निकाय के अधिकारियों के मुताबिक निकाय द्वारा संचालित सेवन हिल्स हॉस्पिटल में हर कोविड-19 संक्रमित यात्री को पृथकवास में रखा जा रहा है और अगर जरूरत पड़ी तो अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कोविड मरीजों को भर्ती करने वाले अस्पताल भी यात्रा के ब्योरे को लेकर सतर्क हो गए हैं और इस बारे में सरकारी अधिकारियों को सूचित कर रहे हैं कि क्या वह मामला ओमीक्रोन से संबंधित हो सकता है।
महाराष्ट्र दिसंबर के आखिर तक सभी को टीके की पहली खुराक देने वाला राज्य बन सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार नई किस्म के संभावित मामलों से निपटने के लिए जिला स्तर पर अस्पताल निर्धारित कर रही है। राज्य सरकार लखनऊ, वाराणसी, नोएडा और गाजियाबाद पर खास ध्यान दे रही है, जहां सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय यात्री आते हैं।
