अबतक सबसे ज्यादा मामले
► महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में भारत सातवें पायदान पर है
► पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 3,804 मरीज ठीक हो गए हैं
► महाराष्ट्र में संक्रमण के सबसे ज्यादा 74,860 मामले
► तमिलनाडु में 25,872, दिल्ली में 23,645 और गुजरात में संक्रमण के 18,100 मामले
► पिछले 24 घंटों में 1.3 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए जिसकी वजह से देश में अबतक कुल जांच की संख्या गुरुवार को 42,42,718 हो गई
► देश में फिलहाल रोजाना जांच की क्षमता 150,000-170,000 है
देश में गुरुवार को एक दिन में सबसे ज्यादा कोविड-19 के 9,304 नए मामले की पुष्टि हुई और 260 लोगों की मौत हो गई। इस तरह कुल संक्रमितों की तादाद अब 2.17 लाख हो गई जबकि 6,075 लोगों की मौत हो गई है।
देश में एक सप्ताह से भी कम समय में संक्रमण से 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। कोरोनावायरस के पहले मरीज के मिलने के बाद देश में संक्रमितों की तादाद 100, 000 तक पहुंचने में साढ़े तीन महीने से अधिक का समय लगा लेकिन अब लगभग दो सप्ताह में ही संक्रमितों की तादाद एक लाख से बढ़कर 2 लाख हो गई है क्योंकि देश में महामारी का प्रसार काफी तेजी से हो रहा है।
अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली के बाद कोविड-19 महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में भारत सातवें पायदान पर है। देश में कोरोनावायरस के सक्रिय मामलों की तादाद 1,06,737 है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों में से लगभग आधे यानी 1,04,106 में सुधार देखा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, ‘पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 3,804 मरीज ठीक हो गए हैं।’ संक्रमण के मामले बढऩे की वजह से रिकवरी की दर में कमी आई है और यह 48 फीसदी के मुकाबले घटकर 47.99 फीसदी रह गई है।
महाराष्ट्र में संक्रमण के सबसे ज्यादा 74,860 मामले की पुष्टि हुई है और इसके बाद तमिलनाडु में 25,872, दिल्ली में 23,645 और गुजरात में संक्रमण के 18,100 मामले की पुष्टि हो चुकी है।
महाराष्ट्र में गुरुवार सुबह तक अधिकतम 2, 587 लोगों के मौत की खबर मिली और इसके बाद गुजरात में 1, 122 लोगों के मरने की खबर मिली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 1.3 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए जिसकी वजह से देश में किए गए कुल जांच की संख्या गुरुवार को 42,42,718 हो गई। सरकारी प्रयोगशालाओं की तादाद बढ़कर 498 हो गई है जबकि निजी लैब की संख्या 212 हो गई है। देश में प्रमुख निजी अस्पतालों के संगठन, हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेटहेल्थ), डायग्नॉस्टिक लैबोरेटरीज और मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनियों के एक अध्ययन में पाया गया कि देश में निजी जांच क्षमता का कम इस्तेमाल किया जा रहा है। अध्ययन में कहा गया है कि देश में फिलहाल रोजाना जांच की क्षमता 150,000-170,000 है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की क्षमता रोजाना 110,000 जांच करने और निजी क्षेत्र की क्षमता रोजाना 60,000 तक जांच करने की है।
