अच्छी बारिश के इंतजार के बीच सोमवार को शुरू हो रहा संसद का मॉनसून सत्र खासा हंगामेदार होने के आसार हैं। कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद पहली बार हो रहे इस अधिवेशन में 17 नए विधेयक पेश किए जाएंगे। हालांकि निजी डेटा सुरक्षा (पीडीपी) विधेयक के इस सत्र में पेश होने को लेकर थोड़ा संदेह है क्योंकि इस पर गठित संयुक्त संसदीय समिति की प्रमुख मीनाक्षी लेखी और एक अन्य सदस्य राजीव चंद्रशेखर को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। जेपीसी को मॉनसून सत्र के पहले ही हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन बदले हुए हालात में इसकी संभावना कम ही लग रही है।
अधिवेशन की शुरुआत के एक दिन पहले रविवार को सत्तापक्ष एवं विपक्ष की कई बैठकें हुईं। यह दर्शाता है कि दोनों ही पक्ष इस सत्र को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष की तरफ से उठाए जाने वाले संभावित मुद्दों पर सरकार का रुख तय करने के लिए पिछले दिनों अपनी पूरी मंत्रिपरिषद के साथ बैठक की। खासतौर पर कोविड महामारी की दूसरी लहर को लेकर सरकार को विपक्ष की तरफ से कड़े सवाल पूछे जाने की आशंका है।
हालांकि सरकार जरूरी वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि के मसले पर भी विपक्षी हमले से निपटने की तैयारी कर रही है। रसोई गैस सिलिंडर पर सब्सिडी कम होते जानेए पेट्रोल एवं डीजल के दाम में हुई भारी बढ़ोतरी और खाद्य तेलों के भाव बढऩे के अलावा सरकारी नियंत्रण वाली इकाइयों के निजीकरण और कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन के मुद्दे भी विपक्ष की तरफ से उठाए जाएंगे। स्वास्थ्य, पेट्रोलियम और संसदीय मामलों के मंत्रियों एवं अधिकारियों ने मंत्रिपरिषद की बैठक में कोविड-19 प्रबंधन, टीकों की उपलब्धता, कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे का सच और केंद्र-राज्य राजस्व हिस्सेदारी जैसे मसलों पर एक समग्र नजरिया पेश किया। दरअसल सरकार को लगता है कि इन मसलों पर उसे विपक्षी सवालों का सामना करना पड़ेगा। इस अधिवेशन में सरकार कई अध्यादेशों को कानूनी जामा पहनाने के लिए विधेयक लाने की तैयारी में भी है। गत 30 जून को जारी आवश्यक रक्षा सेवाएं अध्यादेश 2021 में जरूरी रक्षा सेवाओं में लगे कर्मचारियों को प्रदर्शन एवं हड़ताल से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के कई श्रमिक संगठनों ने इसे कंपनी बनाने के फैसले के विरोध में इस महीने के आखिर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की हुई है। इस अध्यादेश की जगह लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 लाया जाएगा। ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता संशोधन विधेयक 2021 भी पुराने अध्यादेश की जगह लाया जाएगा। सरकार की तरफ से मानव तस्करी पर रोक एवं पुनर्वास के लिए एक विधेयक लाने की भी तैयारी है। कोविड महामारी के समय मानव तस्करी के मामले बढऩे की खबरों के बीच यह विधेयक महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी रोकने पर विशेष जोर देगा। इसमें पीडि़तों की देखभाल, सुरक्षा देने एवं पुनर्वास में मदद का प्रावधान होगा ताकि उन्हें एक सहयोगपूर्ण परिवेश मुहैया कराया जा सके। इसके अलावा तस्करी में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान होगा।
वित्तीय मोर्चे पर सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पूरक अनुदान मांग पेश करेगी। इसके अलावा वर्ष 2017-18 के लिए अधिशेष अनुदान मांग को भी संसद की स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।