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‘तेजी से घटेगा संक्रमण’

Last Updated- December 12, 2022 | 5:08 AM IST

देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर जितनी तेजी से ऊपर जा रही है उसके उतनी ही तेजी से नीचे आने की भी उम्मीद है। यह कहना है कि वेलूर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की सूक्ष्म जीवविज्ञान की प्रोफेसर गगनदीप कांग का। कांग का कहना है कि लंबी अवधि में यह वायरस मौसमी रूप ले सकता है क्योंकि लोगों में एक खास स्तर की प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो सकती है।
महिला पत्रकारों के साथ एक वीडियो बातचीत में कांग ने कहा कि यह एक खराब फ्लू वायरस होगा जो धीरे-धीरे स्थिर हो जाएगा। अपूर्ण प्रतिरोधक क्षमता के कारण हमें टीके की बूस्टर खुराक की आवश्यकता हो सकती है लेकिन हमें बार-बार ऐसे हालात का सामना नहीं करना पड़ेगा। कम से कम इस वायरस के साथ ऐसा नहीं होगा। हो सकता है हमें दो और उभारों का सामना करना पड़े लेकिन तब हालात इतने बुरे नहीं होंगे।
कांग ने कहा कि इस बार वायरस उन जगहों पर असरदार है जहां वह पिछली बार नहीं पहुंच सका था। यानी ग्रामीण इलाके और मध्य वर्ग। इसके बाद वायरस से प्रभावित होने के लिए ज्यादा लोग नहीं बचेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम टीकाकरण तेज कर सकें तो अगले कुछ महीनों में बहुत अच्छी स्थिति में होंगे। कांग ने कहा कि पहली लहर में हमारे यहां मामले इतनी तेजी से क्यों नहीं बढ़े इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। पता नहीं ऐसा लॉकडाउन के कारण हुआ या हमारे द्वारा पहले अपनाए गए उपायों के कारण।
उन्होंने कहा कि मई के अंत तक इस लहर में गिरावट आनी शुरू हो सकती है। हालांकि उन्होंने जांच के कम होते आंकड़ों पर भी चिंता जताई। देश में एक और लॉकडाउन की जरूरत पर कांग ने कहा कि इससे वायरस को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर हम अब से दो-तीन सप्ताह में मामले कम करना चाहते हैं तो लॉकडाउन लगाना चाहिए। इससे मामले यकीनन कम होंगे।’ कांग इस समय पंजाब और आंध्र प्रदेश को कोविड से जुड़े मशविरे दे रही हैं। इससे पहले वह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की एक समिति की अध्यक्ष बनाई गई थीं लेकिन वह उस पद पर महज दो सप्ताह रहीं।
उन्होंने कहा कि वह 18 से 44 की उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू करने के पक्ष में नहीं थीं और सबसे पहले प्राथमिकता वाली आबादी का टीकाकरण होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जहां तक कंपनियों और सरकार के साथ काम करने बात है, ऐसा लगता नहीं कि आपूर्ति और वितरण को लेकर पर्याप्त खुलकर बातचीत हुई। अभी भी ऐसा हो रहा है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है।’

First Published - May 5, 2021 | 11:39 PM IST

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