facebookmetapixel
अमेरिका से दूरी का असर: भारत से चीन को होने वाले निर्यात में जबरदस्त तेजी, नवंबर में 90% की हुई बढ़ोतरीICICI Prudential AMC IPO: 39 गुना मिला सब्सक्रिप्शन, निवेशकों ने दिखाया जबरदस्त भरोसाFPI बिकवाली व कमजोर रुपये से लगातार दूसरे दिन भी बाजार लुढ़का, स्मॉलकैप और मिडकैप पर बढ़ा दबावशिकायत से सजा तक: झूठे आरोपों ने अफसरशाही में डर का माहौल कैसे बनायाEditorial: ग्रामीण रोजगार के नए मॉडल से राज्यों पर बढ़ेगी जिम्मेदारी2025 में अमेरिकी आर्थिक नीति के चार बड़े बदलाव और उनका वैश्विक बाजारों पर असरNPS में बड़ा बदलाव: प्राइवेट सेक्टर के सब्सक्राइबर्स को अब 80% तक की रकम एकमुश्त निकालने की छूटSEBI बोर्ड मीटिंग में बड़े फैसले संभव: म्यूचुअल फंड फीस से लेकर IPO नियमों तक में हो सकते हैं बदलावShare Market: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 533 अंक टूटा; निफ्टी भी फिसलाघूमना-फिरना और बाहर खाना पसंद है? इस कार्ड पर मिलेगा 6% का कैशबैक और कोई जॉइनिंग फीस भी नहीं

किसानों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

Last Updated- December 12, 2022 | 10:06 AM IST

सरकार के साथ सातवें दौर की महत्त्वपूर्ण बातचीत से चंद रोज पहले आंदोलनकारी किसानों ने यह कहते हुए कड़ा रुख इख्तियार कर लिया है कि अगर 4 जनवरी (अगले दौर की बातचीत) तक कोई ठोस फैसला नहीं किया जाता है, तो वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे और इसके दो दिन बाद 6 जनवरी को बड़े स्तर पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत सही दिशा में आगे नहीं बढ़ती है, तो हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान भी दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इससे पहले ट्रैक्टर मार्च स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि केंद्र सरकार के साथ बातचीत के पिछले दौर में कुछ प्रगति दिखाई दे रही थी। केंद्र ने बिजली मसौदे के संशोधन और किसानों को प्रदूषण नियंत्रण अध्यादेश के दायरे से बाहर रखने संबंधी दो मांगों पर सहमति जताई थी।
आंदोलनकारी संगठनों ने कहा कि अब तक किसानों द्वारा की गई तकरीबन पांच प्रतिशत मांगों पर ही सरकार के साथ हुई बैठकों में चर्चा हुई है, जबकि बड़े मुद्दे अब भी लंबित हैं।
एक महीने से भी ज्यादा समय वाले इस विरोध प्रदर्शन में शामिल ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) ने एक बयान में कहा कि हम इस बात का प्रण करते हैं कि किसानों, खेती और गांवों को कंपनियों के हाथों से बचाने और देश की खाद्य सुरक्षा तथा आत्मनिर्भरता को बचाने के लिए हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
ऐसे समय में जब भूख सूचकांक में भारत लगातार नीचे जा रहा है, अधिशेष खाद्यान्न को एथनॉल निर्माण में इस्तेमाल करने के सरकार के हालिया फैसले की भी समिति ने आलोचना की।
इस बीच हजारों किसान दिल्ली के कई प्रवेश द्वारों के बाहर धरना स्थलों पर डटे हुए हैं। कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान अपनी मांगें पूरा नहीं होने तक घर वापस न जाने के संकल्प पर अडिग हैं। नववर्ष पर न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री तक गिर चुका है। तीन केंद्रीय मंत्रियों और दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन करने वाले हजारों किसानों के 41 सदस्यों के प्रतिनिधि समूह के साथ छठे दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि एजेंडे पर चार में से दो पर आपसी समझौते के साथ मामला कम से कम 50 प्रतिशत समाधान तक पहुंच गया है और बाकी दो मसलों पर 4 जनवरी को चर्चा जारी रहेगी।
 

First Published - January 1, 2021 | 11:39 PM IST

संबंधित पोस्ट