कोविड-19 महामारी के बीच भारत में ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक) निवेश की लोकप्रियता बढ़ रही है। वैश्विक रूप से ऐसे निवेश में वृद्घि और बिजनेस रेस्पोंसिबिलिटी ऐंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (बीआरएसआर) के साथ भारत में सस्टेनेबिलिटी संबंधित जानकारियों में सुधार से ईएसजी निवेश की गति तेज होने की संभावना है। बीआरएसआर वित्त वर्ष 2023 से प्रभाव बाजार पूंजीकरण के जरिये शीर्ष-1,000 कंपनियों के लिए लागू होगा।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पांच प्रमुख वैश्विक बाजारों में ईएसजी निवेश परिसंपत्तियां वर्ष 2020 के शुरू से 7.3 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्घि दर से बढ़कर 35.3 लाख करोड़ डॉलर पर रहीं, जो पेशेवर तौर पर प्रबंधित परिसंपत्तियों के लिए 3.5 प्रतिशत की सीएजीआर से ज्यादा है। अमेरिका और यूरोप वैश्विक एसआरआई (सतत और जिम्मेदार निवेश) परिसंपत्तियों के 80 प्रतिशत से ज्यादा का लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और पिछले दो वर्षों के दौरान जापान (8.1 प्रतिशत), कनाडा (6.9 प्रतिशत), में एसआरआई परिसंपत्तियों का अनुपात अपेक्षाकृत गैर-परिवर्तित बना रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इससे शेयरधारकों में ईएसजी के प्रति जागरूकता में वृद्घि का पता चलता है। हमारा मानना है कि भारत में ईएसजी निवेश में इस क्षेत्र में वैश्विक वृद्घि की मदद से तजी आएगी।’
मॉर्निंगस्टार द्वारा चिह्नित भारतीय सस्टेनेबल फंडों में निवेशित परिसंपत्तियां जून 2021 के अंत में रिकॉर्ड 119.7 अरब रुपये पर पहुंच गई थीं, जो एक साल पहले की समान अवधि के 42.1 अरब रुपये से काफी ज्यादा हैं। वर्ष 2021 की पहली छमाही में पूंजी प्रवाह 2020 की दूसरी छमाही के मुकाबले 12.3 अरब रुपये पर काफी कम रहा। 2020 की दूसरी छमाही में 36.3 अरब रुपये का प्रवाह दर्ज किया गया था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के निदेशक शोध प्रबंधक कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, ‘कोरोनावायरस महामारी से निवेशक दिलचस्पी में इजाफा हुआ है और वैश्विक रूप से सस्टेनेबल फंडों की पेशकश की गई। भारतीय सस्टेनेबल फंड बाजार अभी भी शुरुआती अवस्था में है। जहां शुरुआती फंड पेशकशों ने आकर्षक दिलचस्पी और प्रवाह आकर्षित किया है, वहीं इन पेशकशों के बाद भी सस्टेनेबल फंडों में लगातार प्रवाह दर्ज किया जाना बाकी है।’ मौजूदा समय में, आठ सक्रिय रूप से प्रबंधित ईएसजी फंड हैं, एक पैसिव ईएसजी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड/फंड ऑफ फंड, और दो ग्लोबल सस्टेनेबल फीडर फंड। ऐक्टिव फंडों का कुल प्रबंधन अधीन सस्टेनेबल फंड परिसंपत्तियों में 93.5 प्रतिशत का योगदान है।
देश में कुछ ईएसजी सूचकांक भी उभरे हैं। एनएसई इंडेक्स ने वर्ष 2017 में निफ्टी-100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स पेश किया, जो निवेशकों को निफ्टी-100 सूचकांक की उन खास लार्ज-कैप कंपनियों में निवेश का मौका देता है जिन्होंने ईएसजी जोखिम प्रबंधन में अच्छा प्रदर्शन किया है। ईएसजी सूचकांक में तंबाकू, शराब, हथियार और गैम्बलिंग से जुड़ी कंपनियां शामिल नहीं हैं। क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘निफ्टी-100 ईएसजी सूचकांक ने 1 अप्रैल, 2011, और 31 मार्च 2021 के बीच सभी विश्लेषण आधारित अवधि के दौरान निफ्टी-100 सूचकांक को मात दी है।’