प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 से बचाव के टीके के वितरण के लिए शीत भंडारण (कोल्ड चेन) योजना जल्द तैयार हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को इस योजना के निर्बाध एवं पूर्ण समन्वय के साथ क्रियान्वयन के लिए मुस्तैद रहना चाहिए। मंगलवार को कोविड-19 से उत्पन्न हालात और टीकाकरण कार्यक्रम पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में मोदी ने कहा, ‘देश के प्रत्येक नागरिक के लिए इस महामारी का टीका खोज निकालना एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।’
मोदी ने टीके के रखरखाव के लिए शीत भंडारण (कोल्ड चेन) की सुविधाएं बड़े पैमाने पर जल्द से जल्द स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब राज्यों को अतिरिक्त कोल्ड चेन सुविधाओं का बंदोबस्त करने और टीके के परिवहन के लिए पर्याप्त ढांचा तैयार करने के लिए बिना किसी देरी के काम शुरू कर देना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘राज्यों को कोल्ड चेन योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह मुस्तैद रहना चाहिए। राज्यों के साथ चर्चा के बाद इस संबंध में एक विस्तृत योजना को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा।’ मोदी ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम लंबी अवधि तक चलेगा इसलिए केंद्र एवं सभी राज्यों को मिल कर इस दिशा में प्रयास करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में हरेक व्यक्ति को कोविड-19 के टीके की खुराक देना हमारी प्राथमिकता होगी।’
इस बैठक में खास तौर पर उन आठ राज्यों पर विशेष चर्चा हुई, जहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन राज्यों में हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। मोदी ने टीकाकरण कार्यक्रम के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने में राज्यों को लिखित रूप में उनके सुझाव एवं योजनाएं देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को जितनी जल्दी टीका मुहैया कराना अहम है टीके की सुरक्षा भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया में कोविड-19 से बचाव के लिए विकसित हो रहे टीके पर भारत नजर बनाए हुए है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस संक्रमण से बचने के लिए कितनी खुराक की जरूरत होगी और इस पर कितना खर्च आएगा। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे लोगों को पर्याप्त जांच पड़ताल के बाद ही कोई टीका लगाया जाए।’ मोदी ने कहा कि केंद्र द्वारा तैयार नीति का अनुपालन करने के लिए किसी राज्य पर दबाव नहीं डाला जाएगा, साथ ही हरेक राज्य की कोई अपनी योजना भी नहीं होगी। मोदी ने कहा कि हम सभी को इस कार्य में मिलजुल कर साथ आना होगा। उन्होंने कहा, ‘राज्यों के सुझाव काफी अहम हैं क्योंकि उन्हें जमीनी स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी योजना का क्रियान्वयन करना है।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए वायु प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पड़ोसी राज्यों में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मामलों की दर घटा कर 5 प्रतिशत से कम करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच बढ़ानी होगी। केंद्र ने पहले राज्यों को टीकाकरण कार्यक्रम में समन्वय के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर एक संचालन समिति गठित करने के लिए कहा था। अब प्रधानमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति को प्रभारी बनाकर प्रखंड स्तर पर एक कार्यदल का गठन किया जाना चाहिए।
