सोमवार को खत्म हुए राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के नतीजे में अब शायद ही कोई संदेह रह गया है। निर्वाचन अधिकारी पी सी मोदी ने जानकारी दी कि 98.90 प्रतिशत मतदाताओं को संसद भवन में मतदान करने की अनुमति दी गई थी।
पूरा मतदान ओडिशा की संथाल आदिवासी, पूर्व राज्यपाल और ओडिशा राज्य सरकार में मंत्री रही द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में लग रहा है। राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम 20 जुलाई को मतगणना के बाद 21 जुलाई को घोषित किया जाएगा।
मतदान के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए मोदी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने संसद भवन में 727 सांसदों और 9 विधायकों सहित 736 निर्वाचकों को मतदान करने की अनुमति दी थी। इनमें से 728 (719 सांसदों और 9 विधायकों) ने अपना वोट डाला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सनी देओल उन नौ सांसदों में शामिल थे जिन्होंने अपना वोट नहीं डाला। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वशिष्ठ नारायण सिंह अस्पताल में भर्ती हैं।
मतदान काफी तेजी से हुआ और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ-साथ लोकसभा सदस्य मुलायम सिंह यादव भी व्हीलचेयर पर बैठकर वोट डालने पहुंचे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मतदान करने के लिए पीपीई किट से लैस होकर पहुंचीं क्योंकि वह कोविड से संक्रमित हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी ऐसा ही किया।
हालांकि मतदान के दौरान क्रॉस-वोटिंग हुई है या नहीं इसका अंदाजा परिणाम आने के बाद ही मिलेगा लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि व्यापक स्तर पर क्रॉस वोटिंग होगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोई व्हिप जारी नहीं किया जाता है। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सभी मतदाताओं से गुजारिश की थी कि वे मतदान करते समय अपनी अंतरात्मा की आवाज पर ध्यान दें। हालांकि, उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतारने वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी यही बात कही जो बात मूलतः विपक्ष की ओर से अपने ही उम्मीदवार को लेकर विश्वास की कमी को दर्शाती है।
ओडिशा के कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकिम ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘मैंने जमीन की बेटी को वोट दिया है।’ गुजरात के राकांपा विधायक कांधल एस जडेजा ने भी कहा कि उन्होंने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। मुर्मू का नाम भाजपा के संसदीय बोर्ड ने लगभग 20 संभावित उम्मीदवारों की एक लंबी सूची में से चुना था। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने 5 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति के चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक और बैठक की।
उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा क्रमशः राजग और विपक्ष की उम्मीदवार हैं। इस चुनाव के परिणाम में भी कोई संदेह नहीं है क्योंकि मतदान निर्वाचक मंडल के माध्यम से डाले जाते हैं और इसमें दोनों सदनों के सभी सदस्य शामिल होते हैं और निचले सदन में भाजपा का भारी बहुमत होने से नतीजा लगभग पूर्वनिर्धारित ही लग रहा है।
सत्र की हंगामेदार शुरुआत
संसद के मॉनसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई तथा कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने महंगाई, दूध और दही सहित कुछ खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाए जाने, अग्निपथ योजना और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया। हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान हुआ। लिहाजा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। यह हंगामा तब हुआ जब सुबह ही सत्र की शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे संसद में गहन चिंतन और उत्तम चर्चा करें ताकि सदन को अधिक से अधिक सार्थक और उपयोगी बनाया जा सके। राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने आखिरी सत्र का संचालन कर रहे एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के सदस्यों से अपील की कि वे पिछले पांच वर्षों की तुलना में ‘बेहतर’ प्रदर्शन करें। उन्होंने सदस्यों को आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर मनाए जा रहे ‘अमृत महोत्सव’ की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें इस सत्र को सार्थक बनाने का पूरा प्रयास करना चाहिए। लोकसभा में कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना और महंगाई समेत अन्य विषयों को लेकर सदन में हंगामा किया जिस कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।